Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
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-२५० ]
कुवलयमाला
१५५
1 ण कुमार कुवलयचंद इक्खागुर्वस- बालंकुर सोम- साहा - णहयल मियंक भओझा पुरवरी-तिलय णरवर-पुंडरीय साहसाल - 1 कार विजा-परिवार धरणीकंप पर बल खोह माण-घण कला-कुलहर दक्खिण्ण महोयहि विणयावास दाण-वसण पणइ3 जण - वच्छल जय कुमार' ति । इमं च सोऊण लीला-वलंत-धवल-विलोल लोयणेणं णियच्छियं रायनपुणं । 'अहो को 8 रथ तायस्स पायानं णामं गेन्दइ सि जाय पेच्छ भणेय णरणाह पुत्त-परिवारं जेई सहोदरं पिव महिंदकुमारं ति । तमो से च दण पसरमार्गतर सिने सम्भाव-भाव-परिस-वसुलसंत- रोमंच-कंचुयंगेण पहिलो मम्म-परसे जयकुंजरो, तमो 6 सिणो, आरूढो य महिंदो, पसारिय-भुएण य समालिंगियं अवरोप्परं । पुच्छिओ य 'अवि कुसलं महाराइणो, दढ सरीरा देवि सि, सुंदरं तुमं' ति ताय य णरचणा वि बिजण चिंतिये 'अहो, अच्छरी इर्म एवं ताज इमं देव इमस्स रूवाइसर्य, दुइवं असामण्ण-जय-कुंजरायणग्यवियं महासतं, इयं णरणाह सहस्स पुरओ पाद-पूरणं च पुन दिवेहिं कुसुम-परिस-सूयणं, पंचमं महाराइणो एडवग्मस्स पुतो ति अहो, पावियं जं पावियध्वं बच्छाए कुवलयमालाए । साहु पुति कुवलयमाले, निव्वाहियं तए पुरिसद्देसित्तणं इमं एरिसं पुरिस-सीहं पावयंतीए । अहवा ण जम्मंतरे वि मुणिणो अलिये मंतयति' । भणिओ व णरवणा कुमारो 'समप्येह जयकुंजरे हत्यारोहाणे, आरुह मंदिर' ति । एवं च भणिनो 12 कुमारो | 'जद्दानवेसि सि भगमाणो ओयरिलो जयकुंजराम्रो, आरूदो व पासायं महिंद दुइओ, अवयासिनो राइण 12 ससिणेहं । दिण्णा भासणाई पिसण्णा जहासु पेसिया य राइणा कुवलयमाला, ससिणेह च पुलवंतीणीहरिया व सा २५० ) राइणा भणियं को एस वुत्ततो, कहं तुमं एक्को, कहं वा कप्पडिय-वेसो, किं वा मणि- कुचेलो प्रत्थ 16 दूर-देसंतरं पाविभो' ति । कुमारेण भणियं 'देव जाणसि थिय तुमं । अचि य ।
1
जं ण सुमिणे वि दीसइ चिंतिय- पुष्वं ण यावि सुत्र-पुब्वं । विहि-वाउलीए पहओ पुरिसो अह तं पि पावेइ ॥ तेण देव, कहं कपि भ्रममाणो देव अर्ज चिय संपर्क एस पतो' ति राणा भवियं 'महिंद, किं एसो सो जो 18 व पुच्छि दवम्म-पुत्तते पुत्य पत्तो ण न ति महिंद्रेण भणियं 'देव, जहाणबेसि' ति 'एस सो' सि कुमारेण भणियं 18 'महिंदकुमार, तुमं पुण कत्थ एत्थ दाहिण-मयरहर - वेलालग्गं विजयपुरवरिं पुग्वदेसाओ संपत्तो सि' । तेण भणियं 'देव णिसुणेसु । अस्थि तइया वाहियालीए समुद्दकल्लोल-तुरएणावहरिओ तुमं । भविम ।
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भाव उप्पल इव उप्पइलो पोय सययं तुरलो। एसेस एस बच्चइ दीखइ
पत्तो ॥
तो दादा-र-द-म्भिरस्स रायलोयस्स अहरियो तुम तो वाहिणो राहणा तुरभो मुज्झाणुमा हग्गो सेस-गरबह जणेण य । तो य दूरं संतरं ण य तुज्झ पडत्ती वि सुणीयइ । तभ गिरि-सरिया संकुले पएसे णिवडिओ पवणावत्त94 तुरंगमो । तो राया वि तुज्झ पडत्ती असंभावतो विडिओ मुच्छा-वेब्भलो जाओ, आसासिनो य अम्हेहिं पडत-वाएहिं । 24 ओ' हा पुत्त कुवलयचंद, कहिं मं मोतुं वच्चसि' त्ति भणमाणो पुणो मुच्छिभो । तभो आसासिओ विलविडं पयत्तो ।
हा पुत कम वचसि मोतृण ममं सुरुक्लियमणा । हा देव करथ कुमरो जिसस ते जयहिओ सहसा ॥ किंबहुना परायत्तो विष, उम्मत्तगो विय, गहना हिलो बिव गटु-सण्णो विव, पटु-चेषणो विव, सव्वहा गय-जीविओो 27 विवण चल, ण वल, ण अपद, ण फंदह, ण सुणेइ, ण वेयपू, ण चेतति । तं च तारिसं दण मरणासंक-चेभलेण मैतियण साहिओ से जहा 'सगर-चकोि सहि-सहस्य-पुत्ताणं धरणिंद-कोव-विस-हुयास लावली-होमिमार्ग महण80 चुतो तहा विण दिण्गो लोगस्स तेण अत्ताणो । ता महाराय, कुमारो उण केण वि दिग्वेणं अक्खित्तो किंपि कारण 80 गणेमाणेण सा अवरसं पाव पडती । पुच्छामो जाणए गर्णेतु गणया, कीरंतु परिणामो, सुबंतु नवसुइनो, दीसंतु
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,
2 ) P धरणीकंपाप रबजलखोहमाणहणकयाकुलहर,
3) Padds to after 6 ) P भुए हिं, P कुलर्स for 8 ) रुवातिसयं, P जयजंजय10 ) णिव्वडियं उ for भणति for मंतयंति, P कुंजहरं,
दाणवसाण, P पणदीयलबच्छल. विलोल, P लोयणमेगं. 4 ) P परियरियं जेट्ठसहोय रं. 5 ) P सम्भावत हरिस, वसूच्छलंत ஓடுக். 7) देवीप त्ति । सुंदरो, P अच्छरियं, Pom. इमं P एवं ताव, चेअ· कुंजणव्यवियं पुरहो, पायपूरणं. 9) ददधम्मस्स, Judds ति before वच्छाए. णिव्वाहियं, तए, P पुरिसवेसित्तणं, adds च after इमं, P om. पुरिस, पावयंतीय. 11 इत्रोदात्थारोहण, ति for सि. 12) पार्थ 13 जिसणी, ती 14 कम्पीय ) P पडवेसो तत्थ दूरसंतर पाविओ, P जेव for देव. 16 ) र सुइणे, P मेत्तं for पुव्वं before ण, हओ and P पुहई for पहओ. 17 ) P मामाणो दिव्व, Padds वसेणं before संपयं, पुत्तो for पत्तो, Pom. सो जो. 18) JP दढधम्म-, Pom. एत्थ पत्तो, P माहिंदे, सो for एस. 19 Pom. तुमं पुण, P कत्येत्थ 20 ) P तुरणावहरिओ 21 ) P एस for चेय, P पुत्तो for पत्तो. 22 ) Pज्झा for तुझा, मग्गं सेस 23 ) Pom. य after तओ P तुज्झा, संकुलपए से. 24) P -विव्वलो (व्व looks like च ), Jom. य. 25 ) P भणमाणो पुच्छिओ पुणो आसासिभ ततो विलविउं, P adds अवि य before हा पुत्त. 26 ) हा देव्व 27 ) P नह for ण्डु, विय for विव, तहा for सम्वा 28 ) P सुण न वेय त्ति । तं च. 29 ) जब for जहा, P सहस्सा for सहस्स, P कोववस. 30 ) J inter. सोअ (for ग) स्स & वेण, Pom. पि. 31> P
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पुच्छामि जाण, गणंतु, गणयं, P अवसुईओ
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