Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 190
________________ -६२७५] tr 1 मंगल-कोठयाई, तओ व्हाय-सु-धोय धवल-वलय-पियंसणो सिव-चंदण- चचिय-सरीरो वंदिय-गोरोयण सिल्वर-तिरुमो । खंधरावलंबिय- सिय- कुसुम- सुरहि-दामो महिंदाणुगय-मग्गो भल्लीणो विवाह मंडवं । कुवलयमाला वि कय-काव्य-वावारा 3 सिय-सण्ह-वसण-णियंसणा मंगल- मोत्ताहरण- रेहिर-सरीरा अल्लीणा वेदि-मूलं । तओ संपत्ताए वेलाए, पाविए लग्गे, अग्गि- 3 होत्त-सालाए जलणं आणियं छीरवच्छ-समिहा-घय-संधुक्खियं काऊण, समक्खीहूयाणं सव्व-कुल-जुण्ण महत्तराणं, पञ्चक्खे राहणो, मज्झट्ठियरस भजेव-देव-समय- सत्य- पारवस्स दुबाइणो, आमंतिय छो-पाले, णामं गेण्यि राइनो ददवम्मस्स, दिष्णाभो सायंजलीओ। समनिया व तरस करंजली कुवलयमालाए । गहिया य कुमारेण । उभय- विरइयंजलीउडेहिं करय लेहिं ताव य 6 पगीयाओ अविहवाओ । पवाइयाई तूराई । पूरियाई संखाई । पहयाओ झल्लरीओ । पढंति बंभण- संघाई । जयजयावंति महासामंता । भासीसा-समुद्दा कुल-महलया, मंगल-पढण-वियावड गाणायरियत्ति । एवं च तेण दुयाइणा होमिउं पयतं । 'इक्खागु-स-पभयरस सोमवंस-कुलालंकारस्स मदारावाहिराय वम्म- पुत्तस्स कुमार कुवलय चंदस्स विजयसेण दुहिया - रूपमाका एसा दिण्णा दिव्य सिजाय पिसुर्णेति सयक तेलोक सक्सगो भगवंता लोयवाला परिच्छद छायंजली भगवं एस सुरासुर-मणुय- तिरिय- लोयालोयणो जलगो' ति । इमिणा कमेण पढमं मंडलं । दुइयं पि पक्खित्ता लायंजली। आहूया लोग12 वाला वह मैडलं पुणो तेणेय कमेण दिष्णं दायव्वं । तदा चड मंडलं तमो जय जय सि भणमाणा जरा-दुष्ण-देहा 12 । वि परिस-वसुच्वेलमाण बाहुल बावली वळवा चिठं पता कुछ गुण्ण-महिलय सि कुवलयमाला-जणणी वि सरहसुब्बेशमाण बाहुलया-कंचण-मणि-वलय-वर- तरल-कल-ताल-वस-पय-निक्खेव रेहिरा मंथरं परिसकिया। सेसो वि विलासिनियो 10 मय-वस- घुम्ममाणखत-चलन चलिय-मणि-जेडर रणरणाराव रेहिरो पचिनो जहिच्छे जयजयासह-पूरमाण-दिसिवहानो। 15 विति अदि-करवलंजलि-विमुकाम णाणाविह-वण्णाओ गंध-- मुद-भ्रमरोलि-माला मुलाभो दिव्य-कुसुम-पुडीमो गंध-लुद्ध प्ति । अवि य, 1 91 27 गिनंत सुमंगल मदर संत-विलासिनि सोद्दणए महंत मुद्दासण- वामणपु वर्जत-पयत्तय-तूर- रवे ॥ सोर्भताबल-जिर-तुरं तुर-रसंत- पणश्चिर-खोरं । खोरपणचिर-वचरि-सई चरि-सह-मिलव-जगोहं ॥ मिलिय-जो- सुकलव-रावं कळवल-राव-निर्वभिय-तोसं तोस-वियंनिय वग्गर-मलं यग्गिर-मह-पचिय- कच्छे ॥ लंबिय-कच्छ-लत-सचू चू -लत-मंचर-ताल ताल-तप्फोटन - सर्व सद् वियंनियपूरिय-होयं ॥ ति । भषि व वर-रव-गहिर-सई आऊरिय-संख-राव-गंभीरं । उव्वेलं व समुदं वियाह-वद्धावणं जायं ॥ | तो बतेय बाय किं जायें। संमाणिनंति संमाणनिजे, पूर्जति पूराणिजे, तोसिजति तोसणिजे, मंडिति मंडि 24 दिए पणईणं, पणामिज्जइ राईणं, उवणिज्जइ गुरूणं, पक्खिज्जए जणवयाणं, अपिज्जए अंतेउरियाणं, पेसिज्जए णायरियाण, 94 विजह य अगणणिज्जं जहाभिलसियं धणं दीण-वणीमय- किमिण-पणईणं ति । अवि य । कुवलयमाला दिज्ज दे परिच्छ हसु पक्खिवसु दे पडिच्छाहि । मग्गसु भणसु जहिच्छं इय हलबोलो वियाहम्मि ॥ § २७५) तो पिन्वते वदावन महिए सुर-संघे सुपए गुरुयजे सम्यदा कए तकाल पाउलो करणी विरइया कुमारस्स वासहरए मद्दरिहा सेज्जा । अवि य । रयण-विणिम्मिय-सोहा मुत्ताहल - नियर - रेहिरा धवला । खीरोदहि बेला इव रहया वर-विद्दुमा सेज्जा ॥ wwww Jain Education International कुन 1) कोड हासु हुई सचि for चचिय, गोरोवणो. 2) सुरहिरदामो (१) महिंदाजावमगो आछीनो P वावार. 3 ) P वेईमूलं. 4 ) P आणिरच्छीर, J adds महु after घय, P संधुक्कियं, J समक्खीहू अणेसद्धकुल, P समक्खयाणं, P for 'जुण्ण, P पञ्चकखं. 5 ) P मज्झिट्ठियस्स, P अणेयअवेय, ग् यत्थ for सत्थ, P दियाइणो, P राहणा दढधम्मस्स दिन्ना, दढधम्मदिण्णाओ. 6) Pom. य before तरस, P विरइइयंजली 8) विआवडणआयरिय, P णागायरिय for गाणायरिय (emended ), P दियारणा, J होइउं ? होमियं 9 ) P प्भवस्स, JP दढधम्म-, Pom. कुमार, P विजसेणस्स दुहिया. 10) repeats दिण्णा, J om. जाव before गिसुर्णेति, P तेलोक, भगवतो लोगवाला, P परिच्छिओ, र भयवं, P एस सतुरासुर. 11 ) P लोयलोयणो, JP मंगलं for मंडलं, P लायंजलायाभूता, आहूता 12 ) J adds पि after तश्यं, P मंगलं in both places (for मंडलं), P तेण च, P दातं. 13 ) P बाहुललमाणवलीलया णच्चिउं, उ महलयं ति, 3 om. वि सहरसूवेल P वि रसुवेल. 14 J P चलयचलतरकल तारवस, विलासिणीयणो. 15 ) Prepeats चलण, माण for मणि, Pom. जहिच्छं, सई 16 ) P अवि करयंजली, P - बुद्धीओ. 18 ) P गिज्जंति, हलंत P महंत, P वज्जंति- 19 ) P खोरुत्तावज्जिरतरत्तररसंते पणच्चियखोर, P पणच्चिय. 20 ) Pom. मिलियजणोह, P वग्गियमेलं वग्गिय, पलंबिर 21 लंछिय for लंबिय, P सुचूलं, तुमच्छ (त्थ १ ) रतालं. 23 Porn. • तओ वत्ते य वद्धावणए किं जायं, P पूइणिज्जे, P मन्निज्जति मन्नणिज्जे 24 ) दिज्जउ, P पणतीणं, P पणामिब्जपरादीणं उवणिज्जए, P पक्खिणिज्जए, P उपिज्जएं, P णायराणं दिजए अगणिज्जं 25 ) विज्जर for दिब्जए, P साहिल सियं. 26) देसु पयच्छसु. (27) P वित्ति बद्धावणिए, P -संघे पूर, गुरुअणो, P पाउग्गकरणीए. J 28 ) P वासहरे, J महरिआ, P inter. सेज्जा and महरिहा 29 ) P खीरोयहि. . 18 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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