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कृष्ण-गीता
पहिला अध्याय
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गीत १ सुनादे कर्मयोग--सन्देश । भेज भेज श्रीकृष्ण सरीखा दूत, दृरकर क्लेश ॥
सुनादे कर्मयोग-सन्दश ॥ १ ॥ द विराट दर्शन इस जग को झाँकी सी दिखजाय । अन्तस्तल की पट्टीपर तब कर्मयोग लिखजाय ।
निशा में चमकादे राकेश ।
सुनादे कर्मयोग-सन्देश ॥२॥ अकर्मण्यता हटे, घटे मानवता का अज्ञान । घर घर में हो घट घट में हो कर्मयोग का गान ।
दिखाई दे नटनागर वेश । सुना दे कर्मयोग सन्देश ॥ ३ ॥