Book Title: Krushna Gita
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 134
________________ १०४ ] कृष्ण-गीता तेरहकाँ अध्याय 10 अर्जुन- गीत २६ माधव तुम हो सच्चे ज्ञानी । तुम ही दूर करोगे मेरी भव-भव की नादानी ॥ माधव तुम हो सच्चे ज्ञानी ॥१॥ मर्म धर्म का नहीं समझती यह दुनिया दीवानी । धौम द्वेपाग्नि लगी है मानों जलता पानी ॥ ___ माधव तुम हो सच्चे ज्ञानी ॥२॥ दुनिया भूली प्रेम-धर्म की मुग्वकर मत्य कहानी । दीवानी दुनिया ने माधव कैसी शठता ठानी ॥ माधव तुम हो सच्चे ज्ञानी ॥३॥ घटघट के पट खोले तुमने अन्तज्योति दिखानी । इस चतन प्रकाश में सबने धर्म-मूर्ति पहिचानी ।। माधव तुम हो सच्चे ज्ञानी ॥४॥ दोहा सर्व-धर्म-मम-भाव के ज्ञान-मंत्र का दान । तुमने माधव कर दिया किया बड़ा अहसान ॥५॥

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