Book Title: Karm Vipak Pratham Karmgranth
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 11
________________ ( ३ ) की शिक्षा देना निवय किया । हरकचन्दजी का विवाह सम्वत १६५० में नागोर के सेट सुपार्शमलजी लोढा की सुशीला पुत्री से किया गया. राजपूताना की ओसवाल जाति में, जहां कि १३ वर्ष की आयु होते ही माता पिता को अपने पुत्रों का जीवन नष्ट करने की सुझती हैं, आज से २३ वर्ष पहले १७ वर्ष की आयु तक अपने पुत्र को अविवाहित रखना डाक्टर साहिब के मातापिता की संतान वात्सल्यता तथा विद्या प्रेम को दर्शाता है. आज हम देखते हैं कि कितने श्रोसवाल भाई अपनी संतान को सुखी देखने के लिये अथवा दुख के गहरे कूप में डालने और जाति तथा देश का नाश करने के हेतु १३-१४ वर्ष के वालकों का विवाह ६-१० वर्ष की बालिकाओं के साथ करदेते हैं फिर वह चालक किस प्रकार उच्च शिक्षा पासकते हैं, किस प्रकार अपना स्वास्थ्य ठीक रख सकते हैं ? . ए. अजमेर गवर्नमेन्ट कालेज से सम्वत १६५५ में वी. की डिग्री प्राप्त कर लाहोर मैडीकल कालेज में एल. एम. एस. की उपाधि प्राप्त करने के लिये भरती हुये. वहां पांच वर्ष की पढाई थी, परन्तु अति प्रेम होने पर भी उनके मातापिता ने उनसे अनुचित प्रेम नहीं किया. उनका भविष्य जीवन विगाड़ कर उनकी उच्च अभिलाषाओं पर पानी फेरकर अपने पुत्र को

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