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.. रस नाम कर्म के. ५ भेद. . . .. .. , जिस कर्म के उदय से जीव के शरीर में रस आदि हों उसको रस नाम कर्म कहते हैं. इसके ५ भेदः . . . .
• १ तिक्तरस जिस कर्म के उदय से शरीर का रस सुंठ और काली मिर्च जैसा चरका हो उसको कटुरस नाम कर्म कहते हैं।
२. कटुरस-जिस कर्म के उदय से शरीर २ रस चिरायते जैसा कड़वा हो उसको कटुरस नाम कर्म कहते हैं। .. . ३ कषायलरस-जिस कर्मके उदय से शरीर रस हड़ें बहेड़ा जैसा कसायला हो उसको कषायल रस नाम कर्म कहते है।... .. ४ आमलरस-जिस कर्म के उदय से शरीर नींबू और इमली जैसा खट्टा हो उसको आम्लरस नाम कर्म कहते हैं। .. .५ मधुरस-जिस कर्म के उदय जीवका शरीर रस से लड़ी, मधु और शकर जैसामीग हो, उसको मधुरल नाम कर्म कहते. है.। ___ व्यवहार में लवण रस भी एक प्रकार का रस कहा जाता है किन्तु वो रस अन्य प्रकार के रसों के मिश्रण से वन जाता है इस लिये कर्म प्रकृति में नहीं लिया गया है विशेष वर्णन. गीतार्थों से जानना चाहिये। ...... स्पर्श नाम कर्म के = भेद । ... जिस कर्म के उदय से जीव के शरीर का विविध प्रकार