Book Title: Karm Vipak Pratham Karmgranth
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 106
________________ त्रस दशक... १. सकाय ३ वादर ५ पर्याप्त ७ प्रत्येक हस्थिर, ११ शुभ १३ सौभाग्य r १५. सुस्वर १७ आदेय १६ कीत्तियश ('cz) 3 स्थावर दशक. २ स्थावरकाय ४ सूक्ष्म ६ ८ साधारण १० अस्थिर १२ अशुभ १४ दुर्भाग्य १६ दुःस्वर १८ अनादेय २० अपयश १ स नाम कर्म - जिस कर्म के उदय से त्रसकाय प्राप्त हो उसको त्रस नाम कर्म कहते हैं. त्रसकाय उसको कहते हैं जिसकाय के जीव त्रास पाकर हट जाने और उसका त्रास दूसरों के देखने में भी आवे, बेंद्रिय, तेंद्रिय, चौरींद्रिय पंचेंद्रिय जीव सब सकाय हैं. 4 & २ स्थावर नाम कर्म-जिस कर्म के उदय से स्थावरकाय प्राप्त हो उसको स्थावर नाम कर्म कहते हैं, स्थावरकाय उसको कहते हैं जिसको में दुःख पाकर भी वहीं स्थिर रहना पड़े जलकाय, वायुकाय, अग्निकाय वनस्पतिकाय और पृथ्वीकाय ❤

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