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तीन प्रकार के वेद
स्त्री वेद, पुरुष वेद, और नपुंसक वेद,
७ स्त्री वेद-- जिससे पुरुष के साथ भोग करने की इच्छा हो उसको स्त्री वेद कहते हैं ।
८ पुरुष वेद - जिससे स्त्री के साथ भोग करने की इच्छा उत्पन्न हो उसको पुरुष वेद कहते हैं ।
६ नपुंसक वेद - जिससे दोनों के साथ भोग करने की इच्छा हो उसको नपुंसक वेद कहते हैं ।
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स्त्री वेद के लक्षण -- जिस प्रकार छाणों की अग्नि फूंक देने से वार २ जलती है और अधिक समय तक ठहरती हैं इसी प्रकार स्त्री को पुरुष के साथ वर्ताव होने से वार २ भोग की अभिलाषा होती है और अधिक समय तक रहती हैं ।
पुरुष वेद के लक्षण--जिस प्रकार तृण की अग्नि शीघ्र ही जलती हैं और शीघ्र ही बुझ जाती है उसी ही प्रकार पुरुष को भोग की अभिलाषा शीघ्र ही होती है और शीन ही शांत हो जाती है ।
नपुंसक वेद के लक्षण - जिस प्रकार नगर जलने लगे ती अनेक दिनों तक जलता रहता है उसी ही प्रकार नपुंसक के भोग की अभिलाषा सदाही रहती है कभी शांत ही नहीं होती है !
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