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मेथी गांव का रहने वाला एक स्थानकवासी, श्रावक आपका पूरा भक्त हो गया था। उसने बड़े ही ठाठ के साथ नवाणु प्रकार की पूजा पढ़ाई तथा और भी अनेक कार्यों में लक्ष्मी का सदुपयोग किया। उसी दिन उसकी एक १० वर्षीय लड़की मकान के दूसरे खंड से नीचे गिर गई। हज़ारों मनुष्य जो वहां एकत्रित हुए थे, उनमें अशांति फैल गई।
चरित्र नायक ने. उन सब को सांत्वना देते हुए फरमाया "भाइयो ! घबराओ मन; गुरु महाराज सब अच्छा करेंगे।" सब ने जाकर लड़की की हालत देखी। वह पूजा में जाने के लिए नवीन कपड़े पहन रही थी। माँ और बाप से कहती थी "मैं गिरी तो सही किन्तु मुझे कुछ भी चोट नहीं आई।"
यहाँ के अठाई महोत्सव को समाप्त करके आप पाछियापुर गांव में पधारे। वहां भी उत्सवादिक का बड़ा ठाठ रहा। यहां से आप फिर बड़ौदा पधारे और यह विचार किया कि बहुत वर्षों के बाद पंजाब से आये हैं
और फिर पंजाब में ही जाना है। एक दफा श्री आत्मारामजी महाराज के सर्व साधुओं का सम्मेलन होजाय तो बहुत अच्छा हो। आपके इस शुभ प्रयत्न में बड़ौदे का श्रीसंघ पूर्ण सहायक रहा । दक्षिण और मालवा तक से
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