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( ५९ ) पाठक पहले पढ़ चुके हैं कि स्वर्गीय श्रीमद् विजयानन्द सूरीश्वरजी महाराज ने अपने स्वर्गारोहण के समय पंजाब श्री संघ के प्रार्थना करने पर फरमाया था-"तुम चिन्ता मत करो। 'वल्लभ' पंजाब की संभाल करेगा।" उसी दिन से गुरु वचन प्रतिपालक सच्चे गुरु के सच्चे शिष्य 'वल्लभ' ने पंजाब-उद्धार का बीड़ा उठाया।
धर्म प्रचार का कार्य हो रहा था। सच्ची लगन थी। पंजाब के बच्चे बच्चे के दिल में आपका निवास, आँखों में प्रेम और वाणी में नाम था। पंजाब के सिवाय अन्य प्रॉन्तों में भी आपके हाथों कई सुधार कार्य हो चुके थे। जब आपका संवत् १९७० में बम्बई में चातुर्मास था तो आपके उद्योग से वहाँ 'श्री महावीर जैन विद्यालय' की स्थापना हुई थी; किन्तु उसकी जड़ अभी तक परिपुष्ट होने नहीं पाई थी।
आप जिन दिनों [सं० १६८०] में होशियारपुर में विराजमान थे, आपकी यशोराशि से पंजाब का कोना कोना धवलित हो रहा था। सारे पंजाब की ही नहीं अन्यान्य प्रॉन्तों की भी आपकी ओर दृष्टि लग रही थी। कई पॉन्तों से आपके पास पत्र आते रहते थे। उन्हीं दिनों बम्बई से श्री महावीर जैन-विद्यालय के ट्रस्टियों में आपकी सेवा में एक प्रार्थना-पत्र भेजा। उसमें यह लिखा
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