Book Title: Kalikal Kalpataru Vijay Vallabhsuriji ka Sankshipta Jivan Charitra
Author(s): Parshwanath Ummed Jain Balashram Ummedpur
Publisher: Parshwanath Ummed Jain Balashram Ummedpur

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Page 174
________________ ( १६३ ) श्रीसंघ की ओर से मानपत्र अर्पित किया गया। तत्पश्चात् - इस बैठक में ज्ञान की उपयोगिता और जैनधर्म में 'ज्ञान' के उच्चतम स्थान के विषय में व्याख्यान हुये । आपने अपने - करकमलों से कॉलेज की लायब्रेरी का उद्घाटन किया और लायब्रेरी के भवन के लिये अपनी धर्मपत्नी श्री शकुन्तला देवीजी की तरफ से ५००० रुपये प्रदान किये। इसके अतिरिक्त लायब्रेरी हेतु और भी बहुतसा दान प्राप्त हुआ । सायंकाल की बैठक श्री सेठ रतिलाल वाडीलालजी की अध्यक्षता में हुई । आपकी सेवा में भी मानपत्र पेश किया गया । तदनन्तर आपने कॉलेज की व्यायामशाला का उद्घाटन किया और एक सुन्दर व्यायामशाला (Gymnasium) बनाने के लिये १०००१ रुपया प्रदान किया। इसी समय श्रीमान् सेठ सेवंतीलाल हीरा- ब्रोकर बंबई और लाला नन्दलाल तीर्थदासजी ( पट्टी निवासी ) के करकमलों से श्री सद्गत आचार्य महाराज श्री विजयानन्द सूरि तथा उनके वर्त्तमान पट्टधर श्री विजयवल्लभसूरिजी - महाराज के वृहत्काय चित्रों का उद्घाटन हुआ और श्री सेठ गुलाबचन्दजी ढड्डा, एम. ए. ने कॉलेज होस्टल (छात्रावास) का उद्घाटन किया । तत्पश्चात् श्री आत्मानन्द जैन कॉलेज तथा स्कूल के विद्यार्थियों ने और श्री आत्मानन्द जैन गुरुकुल, गुजरांवाला Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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