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( १५२ ) की ओर विहार कर गये। श्री विजयोमंग सूरिजी महाराज गुजरात की तरफ लौट गये। आगे मारवाड़ की ओर बढ़ते हुये आप भारजा गांव में पधारे। वहां ११ ग्रामों का परस्पर वैमनस्य दूर करके आगे वासा, धनारी, पिंडवाड़ा, नाना होकर आप बेड़ा ग्राम में पहुँचे। यहां शिवगंज के संघवीजी श्री फतहचंदजी, श्रीमान् गुलाबचंदजी ढड्डा और आस पास के लोग दर्शन करने आये। वरकाणा स्कूल के कार्यकर्ता, अध्यापक तथा विद्यार्थी भी दर्शन करने आये।
विजोवा के आगेवान भी आये विजापुर, सेवाड़ी, लाठारा, राणकपुर होकर सादड़ी, वरकाणा, बीजोवा होकर तखतगढ़ के रास्ते आप उमेदपुर में पधारे। पूर्वोक्त गांवों में भी आपका खूब स्वागत हुआ। जहां आपके सदुपदेश से खुला हुआ बालाश्रम अच्छा काम कर रहा है। आचार्य श्री विजयललित सूरिजी तथा बालाश्रम के कार्यकर्ता और विद्यार्थी तथा उमेदपुर का संघ, सभी आपके स्वागत के निमित्त सेवा में उपस्थित हुये। प्रवेश में खूब धूम धाम रही। यहां फाल्गुण सुदि १० को कई जिनबिम्बों की अंजनशलाका-प्रतिष्ठा की क्रिया हुई। गुजरावाला पंजाब का श्रीसंघ, जिसमें २०० स्त्री पुरुष होंगे, श्री सम्मेद् शिखर की यात्रा करके आपके दर्शनार्थ यहां पहुँचा।
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