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नं० प्राचीन नाम तीर्थ का प्रकार
वर्तमान नाम व जिला
किस स्थान से जाया जाता है
६ सम्मेद शिखर
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
७ कुमारी पर्वत
श्रावक-पच्छार
सम्मेदशिखर (हजारीबाग)
पारसनाथ हिल खंडगिरी-उदयगिरि (ओड़ीसा) श्रावक (गया)
अतिशयक्षेत्र
ईशरी E.I.R. भुवनेश्वर B.N.R. गया-रफीगंज
EIB. बड़गांव रोड गया E.I.R. पारा ,
)
कुण्डलपुर (?) कुलहापवत पारा
बड़गांव (पटना) कुलहा (गया) पारा
(
जसमा
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जिसमें प्राचीन महा , गुजरात और कर्णाटक देश गर्भित हैं, जैन धर्म का उन्नतशील प्राङ्गण रहा है। राष्ट्रकूट और चालक्य वंश के राजाओं के समय में इस प्रदेश में जैन धर्म की विजय दुंदुभि बजती थी । वैसे अतीव प्राचीन काल से जैन धर्म इस प्रान्त में प्रचलित रहा है। दिगम्बर जैन सिद्धान्त का लिपिबद्ध अवतरण भी इसी प्रान्त के अन्तर्गत हुआ है । इस प्रान्त के तीर्थों की नामावली निम्न प्रकार है: