Book Title: Jain Tirth aur Unki Yatra
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Digambar Jain Parishad Publishing House

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Page 164
________________ ( १५५ ) परिशिष्ट यात्रियों को सूचनायें १. यात्रियों को यात्रा में किसी के हाथ की वस्तु न खानी चाहिये और न प्रत्येक का विश्वास ही करना चाहिए। २. रेलवे स्टेशन पर गाड़ी आने के पहले पहुँच कर इत्मीनान से टिकिट ले लेना चाहिए और उसके न० नोट बुक में लिख लेना चाहिए। अपने सामान को भी गिन लेना चाहिए और कुली का नं० भी याद रखना चाहिए। ३. छूआछूत की बीमारियों से अपने को बचाते हुए स्वयं साफ सुथरे रहकर यात्रा करनी चाहिए। ४. बच्चों की सावधानी रखनी चाहिए-उन्हें खिड़की के बाहर नहीं मांकने देना चाहिए और न प्लेटफार्म या बाजार में छोड़ देना चाहिए । उनको जेवर नहीं पहनाना चाहिये। ५ अपने साथ रोशनी अवश्य रक्खें । साथ ही लोटा, डोर,चाकू ____छड़ी, छत्री आदि जरूरी चीजें भी रखें। ६. शुद्ध सामग्री और 'जिनवाणीसंग्रह' आदि पूजा स्तोत्र की पुस्तकें अवश्य रखनी चाहिये। ७. यात्रा में किसी भी प्राणी का जी मत दुखाओ । लूले लंगड़ों और अपाहिजों को करुणा दान दो । तीर्थोद्धार में भी दान दो। किसी से भी झगड़ा न करो। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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