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शहर जावे, जो हिन्दुओं का तीर्थ है । जैनियों का एक मंदिर है। यहाँ से इस ओर के अब शेष तीर्थों के दर्शन करने जावे अथवा सीधा बम्बई जावे । अब यहां पर एक ब्रह्मचर्याश्रम भी स्थापित होगया है।
आष्ट ( श्रीविघ्नेश्वर-पार्श्वनाथ ) आष्टे अतिशयक्षेत्र रियासत हैदराबाद में दुधनी स्टेशन ( N. S. Ry.) के पास आलंद से करीब १६ मील है। यहां एक अतीव प्राचीन चैत्यालय है, जिसमें मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी की प्रतिमा दो फुट ऊंची पद्मासन विराजमान है। वह संभवतः शकसम्वत ५२८ की प्रतिष्ठित है । प्रतिवर्ष लगभग दो हज़ार यात्री दर्शनार्थ आते हैं।
उखलद अतिशय क्षेत्र उखलद क्षेत्र निजाम रियासत में पिंगली ( N. 8. Ry.) स्टेशन से क़रीब ४ मील पर्ण नदी के किनारे पर है। यहां प्राचीन दि० जैन मंदिर पत्थर का बना हुआ-नदी के किनारे पर अत्यन्त शोभानीक है । यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य अपूर्व है । मंदिर में श्री नेमिनाथजी की काले पाषाण की बृहदाकार प्रतिमा विराजमान है,जिसके अंगठे में एक समय पारस पत्थर लगा हुआ था। कहते हैं वहाँ के मुसलमान शासकने जब उसे लेना चाहा. तो
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