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लार्डगंज की धर्मशाला में ठहरे । यहाँ ४६ दि० जैन मंदिर और तीन चैत्यालय हैं । एक लायब्रेरी और बोर्डिङ्ग हाउस भी है । यहाँ से कुछ दूर पर नर्मदा नदी में धुआंधार नामक स्थान देखने योग्य है । बाहुरीवन्द क्षेत्र में श्री शान्तिनाथ जी की १२ फीट ॐ ची मूर्ति दर्शनीय है । सिहोरारोड (E.I.R. ) से यह १८ मील है | वैसे जबलपुर से करेली स्टेशन जावे । यहां से मोटर लारी द्वारा बड़ी देवरी होकर श्री बीनाजी पहुँचे ।
श्री बीनाजी
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यहां एक छोटी-सी धर्मशाला और तीन शिखिर बंद मंदिर हैं । इनमें सब से पुराना मंदिर मूलनायक श्री शान्तिनाथजी का है, जिसमें उपर्युक्त प्रतिमा १४ फीट अवगाहना की अद्वितीय शान्तमुद्रा को लिये हुये खगासन विराजमान है । यह प्रतिमा संभवतः १२ वीं शताब्दि की अतिशययुक्त है । दूसरे मंदिर में श्यामवर्ण १२ फीट अवगाहना की श्री वर्द्ध मान स्वामी की प्रतिमा अत्यन्त मनोज्ञ है । इस क्षेत्र का इतिहास ज्ञात नहीं है । देवरी होकर सागर जावे ।
सागर
स्टेशन से लगभग एक मील दूर धर्मशाला है । यहाँ ३७ दि० जैनमंदिर है सतर्क सुधा तरंगिणी पाठशाला एवं अन्य
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