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है। स्टेशनसे एक मीलकी दूरी पर श्री दि० जैन भवन (धर्मशाला) सुन्दर और शहर के मध्य है। इसके पास ही कलकत्ते का मुख्य बाजार हरिसन रोड है। तहाँ (१) चावल पट्टी (२) पुरानी वाड़ी (३) लोअर चितपुर रोड (४) वेल गाछिया में दर्शनीय दि० जैन मंदिर हैं। राय बद्रीदासजी का श्वे. मंदिर भी अच्छी कारीगरी का है । कलकत्ते में कार्तिक सुदी १५ को दोनों सम्प्रदायों को बड़ा भारी रथोत्सव होता है। अजायबघर में जैनमर्तियाँ दर्शनीय हैं। खेद है कि यहाँ पर जैनियों की कोई प्रमुख सार्वजनिक संस्था नहीं है, जिससे जैनधर्म की वास्तविक प्रभावना हो । यहाँ के देखने योग्य स्थान होशियारी से देखकर उदयदिरि-खंडगिरि जावे, जिसके लिए भुवनेश्वर का टिकिट लेवे।
खंडगिरि-उदयगिरि
भवनेश्वर से पांच मील पश्चिम की ओर उदयगिरि और खंडगिरि नामक दो पहाड़ियाँ हैं । रास्ते में भुवनेश्वर गांव पड़ता है, जिसमें एक विशाल शिवालय दर्शनीय है। मार्ग में घनेवृक्षों का जंगल है। इन पहाड़ियों के बीच में एक तंग घाटी है । यहाँ पत्थर काटकर बहुत सी गुफायें और मन्दिर बनाये गये हैं, जो ईस्वी सन् से करीब डेढ सौ वर्ष पहले से पाँचसौ वर्ष बाद तकके बने हुये हैं । यह स्थान अत्यन्त प्राचीन और महत्वपूर्ण है । 'उदयगिरि--पहाड़ी का प्राचीन नाम कुमारी-पर्वत है।
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