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चार मंदिर हैं । मुसलमान राजाओं ने यहाँ के कई जिनमंदिरों और मूर्तियों को तुड़वा कर चंदा बावड़ी में फेंक दिया था । किले में मिली हुई जिन मूर्तियां 'बोलीगुम्बज' के संग्रहालय में रक्खी हुई हैं। यह गुम्बज बहुत बड़ा और अद्भुत है । इसे मुहम्मद आदिलशाह ने बनवाया था। इसमें शब्द की प्रतिध्वनि आश्चर्यजनक होती है । इसीलिये इसका सार्थक नाम 'बोलीगुम्इज' (Dome of speech ! है । बीजापुर से दो मील दूर जमीन में गड़ा हुआ अति प्राचीन कलाकौशल युक्त श्री पार्श्वनाथ जी का मंदिर दर्शनीय मिला है । यह प्रतिमा १०८ सर्पफणमंडित पद्मासन है ।
कोल्हापुर और बेलगाम
यदि इस ओर के प्रमुख स्थानों को देखना इष्ट हो, तो कोल्हापुर और बेलगाम भी होता आवे । कोल्हापर का प्राचीन नाम तुल्लकपुर है। यह शिलाहार वंश के राजाओं की राजधानी थी, जिनमें कई राजा जैनधर्म के भक्त थे। राजा गण्डरादित्य के के सेनापति निम्बदेव ने यहाँ पर एक अतीव सुन्दर जिनमंदिर निर्माण कराया था । श्राज वह शेषासाई विष्णु का मंदिर बना हुआ है। यहाँ का प्रसिद्ध 'महालक्ष्मीमंदिर' भी एक समय जैन मंदिर था । इस समय वहाँ ४ शिखरवंद जिनमंदिर और ३ चैत्यालय दर्शनीय हैं । श्राविकाश्रम, बोडिंगहौस आदि जैन
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