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कुतुब की लाट के पास पड़े हुये जैन मन्दिर और मूर्तियों के खण्डहर उसके प्राचीन सम्बन्ध की साक्षी दे रहे हैं । मुसलमान बादशाहों के जमाने में भी जैन धर्म दिल्ली में उन्नतशील हुआ। फीरोजशाह अकबर आदि बादशाहों को जैन गुरुओं ने अहिंसा का उपदेश दिया और उनसे सम्मान पाया। मुस्लिम काल के बने हुए लाल मन्दिर, धर्मपुरा का मन्दिर आदि दिव्य जैन मन्दिर दर्शनीय हैं । कुतुब की लाट, जंत्रमंत्र, वायसराय भवन, कौंसिल हौस, घण्टाघर आदि देखने योग्य स्थान हैं । यहां से मेरठ शहर पहुंचे।
हस्तिनापुर (मेरठ)
मेरठ एन, डब्ल्यू. रेलवे का मुख्य स्टेशन है ।जैनों की काफी संख्या है कई दर्शनीय जिनमन्दिर हैं । यहां से २२ मील जाकर हस्तिनापुर के दर्शन करना चाहिये । हस्तिनापुर तीर्थ वह स्थान है जहां इस युग के आदि में दानतीर्थ का अवतरण हुआ था-आदि तीर्थङ्कर ऋषभदेव को इक्षुरस का आहार देकर राजा श्रेयांस ने दान की प्रथा चलाई थी। उपरान्त यहां श्री शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और अरहनाथ नामक तीन तीर्थङ्करों के गर्भ, जन्म, तप और ज्ञान कल्याणक हुए थे । इन तीर्थक्करों ने छै खण्ड पृथ्वी की दिग्विजय करके राजचक्रवर्ती की विभति पाई थी किन्तु उसको तृणवत त्याग कर वह धर्म चक्रवर्ती हुए । यही इस
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