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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास 6.5.2.37 श्री रक्षाबाई (सं. 2029 से वर्तमान)
आप वढवाण निवासी श्री चीमनलालजी की सुपुत्री हैं। आपकी दीक्षा बोरीवली (मुंबई) में मृगशिर शु. 7 के दिन हुई। आप सेवाभाविनी एवं तपस्विनी हैं, आपके पिताश्री दरियापुरी संप्रदाय में दीक्षित हुए। आपने उपवास, छट्ठ और पोला अट्ठम आदि का वर्षीतप किया है। 6.5.2.38 श्री प्रतिभाबाई (सं. 2029 स्वर्गस्थ)
आप धारी के श्री नरभेरामभाई की सुकन्या थीं। बोरीवली में मृगशिर शु. 7 के दिन आपकी दीक्षा हुई। आपमें कंठ माधुर्यता के साथ प्रवचन-शैली की भी विशेषता थी, मासखमण जैसी उग्र तपस्या भी की थी।
6.5.2.39 श्री किरणबाई (सं. 2029 से वर्तमान)
आप दुधई के श्री रतिलालजी जीवराजभाई की सुपुत्री हैं। वेशाख शुक्ला 7 को बोरीवली में आपने संयम ग्रहण किया। आप संयम उल्लासी, प्रसन्न मुखमुद्रा वाली साध्वी हैं। आपने एकांतर छ8 से वर्षीतप व मासखमण जैसी उग्र तपस्या की है। 6.5.2.40 श्री उषाबाई (सं. 2030 से वर्तमान)
आप श्री किरणबाई की ज्येष्ठ भगिनी हैं, लघुबहन की दीक्षा देखकर आप भी कार्तिक कृ. 2 को विलेपार्ले में दीक्षित हो गईं। आप संयम की आराधिका एवं तप साधिका हैं। 6.5.2.41 श्री हर्षाबाई (सं. 2030 से वर्तमान)
आप श्री नवनीतभाई वीरचंदभाई वांकानेर निवासी की कन्या एवं चंद्रिकाबाई की बहिन हैं। मृगशिर शुक्ला 5 को कांदिवली (मुंबई) में दीक्षा अंगीकार की। आप अध्यात्मप्रिय हैं, व्याख्यान-दक्ष भी है, तपस्विनी भी हैं। चार मासखमण, छट्ठ का वर्षांतप, 36 उपवास आदि अनेक तपस्याएँ की हैं। 6.5.2.42 श्री मनीषाबाई (सं. 2030 से वर्तमान)
आप ध्रांगध्रा निवासी वाडीलाल जेठाभाई की सुपुत्री हैं। गृहस्थ दशा में बी.ए. तक का अध्ययन कर ज्येष्ठ भगिनी प्रियदर्शनाबाइ का अनुगमन कर मृगशिर शु. 5 के दिन कांदावाड़ी (मुंबई) में दीक्षा अंगीकार की। आपका कंठ सुरीला है, अनेक स्वरचित गीत बनाये हैं, व्याख्यान शैली भी सुंदर है, आपने छ8 का वर्षीतप किया है। 6.5.2.43 श्री हर्षिताबाई (सं. 2030 से वर्तमान)
आप श्री लीलाबाई महासतीजी की भाणजी तथा श्री हीराबाई की लघु भगिनी हैं। आपकी दीक्षा मृगशिर शु. 5 को कांदावाड़ी (मुंबई) में हुई। आपकी स्मरणशक्ति अत्यंत तीव्र है। मासखमण, 36 आदि तपस्याएँ की हैं। 6.5.2.44 श्री पूर्णिताबाई (सं. 2030 से वर्तमान)
आप लींबड़ी के श्री रमणिकलाल केशवलालभाई की सुपुत्री हैं। कांदावाड़ी में मृगशिर शु. 5 को आपने
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