Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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966
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क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी नाम
261.
316
4 श्री गुणप्रभाजी
262.
263.
265.
264. 319
266.
267.
268.
269.
270.
271.
272.
317
273.
318
322
324
326
327
328
329
330
331
332
जन्मसंवत् स्थान पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान
1996 बाव
चिमनभाई मेहता
2016 का. शु. 8
कलकत्ता
श्री मृगावतीजी 1985 नोहर
काशीराम रामपुरिया
© श्री आशावतीजी 1993 नोखामंडी बाघमलजी वैद
4 श्री सुमतिश्रीजी 1995 सरदारशहर दुलीचंदजी वैद
4 श्री सुधा श्रीजी
1997 सरदारशहर दुलीचंदजी बैद
4 श्री लज्जावतीजी 1999 सरदारशहर सेोहनलालजी सेठिया
4 श्री ज्ञानप्रभाजी
1989 बीकानेर 1997 फतेहगढ़
श्री प्रभावतीजी
आसकरणजी सेठिया मूलचंदजी खंडोल मूलचंदजी खंडोल
4 श्री पुष्पावतीजी 1998 बाव
4 श्री श्रद्धाश्रीजी
1997 उदयपुर
श्री लाघव श्रीजी 1998 टमकोर
शांतिभाई सिंघवी
2017 आपा 15
- कोठारी
2017 आषा शु. 15
2017 आप शु 15
2017 आषा 15
2017 आषा. शु. 15
2017 आषा शु. 15 2017 का. शु. 13
2017 का. शु. 13
तखतमलजी धर्मावत 2018 वै. शु. 1
2018 प्रत्येकृ. 13
नागजी भाई खंडोल 2018 प्रज्येकृ. 13
श्री विवेक श्रीजी 2001 फतेहगढ़
श्री कल्याणश्रीजी 1997 अहमदगढ़ छाजूरामजी अग्रवाल 2018 का. कृ. 8
केलवा
केलवा
केलवा
केलवा
कलवा
केलवा
राजनगर
राजनगर
बाडमेर
बालोतरा
फतेहगढ़
(कच्छ)
बीदासर
विशेष- विवरण
यथोचित ज्ञान, कलाकुशल, 700 उपवास, 1 से 15 तक उपवास कुल दिन 907 स्वल्पावधि में तप दिन 133, संवत् 2024 सुजानगढ़ में स्वर्गस्थ |
आगम वाचन, कतिपय दोहे गीत बनाये, 1 से 8 उपवास की लड़ी, तप दिन 1586 तपस्विनी से लड़ीबद्धतप, मासखमण, कुल तप दिन 2402, आछ के आगार से 28 दिन तप आगम वाचन, लिपिकला कुशल, तप दिन 1583, अढ़ाई सौ प्रत्याख्यान, संवत् 2051 से अग्रणी
कई आगम वाचन, लिपिकला दक्ष, तप दिन 440
कुछ स्तोक, आगम वाचन, सामान्य तप ज्ञान-सामान्य, तप 250 उपवास, 10 बेले, 10 तेले, अठाई 1
स्तोक, आगम ज्ञान, तप 3 मासखमण, वर्षीतप 1 से 13 तक लड़ी, कुल तप दिन
1551
कई आगम वाचन, तप उपवास सैकड़ों,
बेले 3, तेले 2 चोले 2
आगम ज्ञान, सूक्ष्मलिपि कला कुशल, तप दिन 598, सेवाभाविनी
दीक्षादाता श्री मनसुखांजी, आगम साहित्य, कुछ स्तोक ज्ञान, तप दिन 869
संवत् 2028 में गण से पृथक्
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
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