Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
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क्रम सं दीक्षा क्रम | साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण 467. 1567 श्री मुक्तियशाजी 2021 रतनगढ़ | जयचंदजी कोचर | 2043 मा. शु. 13
| रतनगढ़
यथाशक्य ज्ञानार्जन,तप एकाशन 8,21,
31 व खुले एकाशन 200, उपवास 15 468. | 568 श्री शीलयशाजी | 2022 सांडवा
2043 मा. शु. 13
रतनगढ़
संस्थान से बी.ए..विविध वस्तु कलादक्ष, तप-अनेक उपवास, बेला, तेला, चोला
व अठाई 1569 श्री शीतलयशाजी| 2022 रतनगढ़ | श्रीचन्दजी बैद | 2043 मा. शु. 13 रतनगढ़ यथाशक्य ज्ञान, तप आदि साधना श्री किरणयशाजी | 2024 उदासर रूपचंदजी मुणोत | 2044 ज्ये.शु.3 लाडनूं अनशन के 50वें दिन दीक्षा.4 दिन का
संयम पर्याय पालकर संवत् 2044 लाडनूं
में दिवंगत। श्री सरलप्रभाजी | 2008 सरदारशहर माणकचंदजी दूगड़ | 2045 वै. कृ. 12 सरदारशहर | तपस्विनी, 1 से 9 उपवास लड़ीबद्ध, 15
और 31 का तप | 573 0 श्री ऋजुप्रभाजी | 2011 लाडनूं | भैरुदानजी बैंगानी | 2045 वै. कृ. 12 | सरदारशहर | यथोचित ज्ञानाभ्यास, तप दिन 307,
आयंबिल की 2 अठाई,दस प्रत्याख्यान 3
बार श्री आत्मप्रभाजी| 2011 सरदारशहर माणकचंदजी तातेड 2045 वै. कृ. 12 सरदारशहर | यथोचित ज्ञानार्जन, सृजन-गीत, मुक्तक,
कविता आदि, तप 1 से 8 तक लड़ीबद्ध,
शीत परीषहजयी । श्री सुव्रतयशाजी | 2022 सरदारशहर | लूणकरणजी चोरड़िया | 2045 वै. कृ. 12 सरदारशहर | यथायोग्य ज्ञान व तप साधना | श्री पूनमप्रभाजी | 2020 बैंगलोर | राजमलजी सकलेचा| 2045 आषा.शु. 10 | श्री डूंगरगढ़ | यथायोग्य ज्ञानार्जन, तप सैकड़ों उपवास,
2,3,5,8 उपवास श्री सम्पतप्रभाजी | 2021 डूंगरगढ़ | ठाकरमलजी बोथरा | 2045 का. कृ. 8 | श्री डूंगरगढ़ यथोचित ज्ञानाभ्यास, स्वाध्याय आदि।
श्री मधुलेखाजी | 2022 गंगाशहर | लूणकरणजी गोलछा | 2045 का. कृ. 8 | श्री डूंगरगढ़ | यथोचित ज्ञानार्जन, प्रतिवर्ष 30 उपवास | श्री कल्पमालाजी | 2023 गंगाशहर | जेठमलजी सिंधी | 2045 का. कृ. 8 | श्री डूंगरगढ़ | यथोचित ज्ञानाभ्यास, कार्यकुशल, तप !
से 9 उपवास, दस प्रत्याख्यान 6,
आयंबिल व शताधिक एकासन श्री सूरजयशाजी | 2013 सरदारशहर| सोहनलालजी बोथरा 2046 का. कृ.9 |
ज्ञान, तप, संयम साधना में संलग्न
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