Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan

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Page 1045
________________ Jain Education International क्रम सं दीक्षा क्रम | साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण हंसराजजी बांठिया | 2049 का. कृ.7 | लाडनूं संवत् 2043 में समणी दीक्षा लेकर कई प्रांतों में धर्म प्रचार किया, तप बेले से नौ | तक तप दिन 55 सैकड़ों उपवास Iश्री जयविभाजी | 2023 गंगाशहर | मोहनलालजी सेठिया 2049 का. कृ.7 | लाडनूं संवत् 2043 में समणी दीक्षा ली थी, ज्ञानाराधना में संलग्न I श्री संवरविभाजी | 2021 शाहदा अमोलकचंद गेलडा|2049 का. कृ.7 | लाडनं संवत् 2047 में समणी दीक्षा ली थी.यथोचित ज्ञान साधना, उपवास कई, 2, 3, 4, 5, 8, तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ For Private & Personal Use Only 983] |612 उपवास भी किये। श्री गुप्तिविभाजी 1997 टमकोर दीपचंदजी चोरडिया 2049 मा. शु.7 | बीदासर यथाशक्य ज्ञानार्जन, स्वाध्याय, ध्यान, उपवास-सैकड़ों श्रीकांतप्रभाजी | 2023 उदासर | श्रीचंदजी मुहनोत | 2050 का. कृ.7 | राजलदेसर समणी दीक्षा संवत् 2046 मेंली थी.यथोचित ज्ञानाराधना, तप 185 दिन I श्री सिद्धप्रभाजी | 2021 रामसिंह |उत्तमचंदजी गादिया | 2050 का. कृ.7 | राजलदेसर समणी दीक्षा संवत् 2047 में, स्नातकोत्तर कागुडा परीक्षा उत्तीर्ण,आयंबिल मासखमण,50, 10.9,8 आदि उपवास 150 श्री परिमलप्रभाजी 2024 गंगाशहर | सूरजमलजी बैद | 2050 का. कृ.7 | राजलदेसर | जीवन विज्ञान में एम.एस.सी.,तप-उपवास सैकड़ों,दो से नौतकतप73 दिन,आयंबिल 100 शीत परीषहजयी श्री आरोग्यश्रीजी| 2025 मोमासर | कमलसिंहजी संचेती| 2050 का. कृ.7 | राजलदेसर | जीवन विज्ञान में एम. ए., शोधकार्य में | संलग्न | श्री स्वस्थप्रभाजी | 2014 सरदारशहर | सुमेरमलजी तातेड़ | 2050 मा. शु. 3 | सुजानगढ़ पूर्व में समणी दीक्षा संवत् 2041 में, ज्ञान तप साधना में निरत श्री नियतिप्रभाजी| 2026 आसीन्द |सम्पतमल चोरडिया 2050 मा. शु.3 | सुजानगढ़ | पूर्व में समणी दीक्षा संवत् 2048, यथोचित ज्ञानार्जन, हजार गाथाओं का रोज स्वाध्याय, तप दिन 255 www.jainelibrary.org

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