Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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319.
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क्रम सं दीक्षा क्रम | साध्वी-नाम- जन्मसंवत् स्थान| पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण 314. 381 1381 | श्री मंजुरेखाजी | 2007 बाव | भोगीभाई मेहता | 2024 ज्ये. शु. 8 | राजकोट | कंठस्थ 2 आगम, स्तोक, स्तोत्र आदि, तप
उपवास सैकड़ों, तेले 23, पांच 2, अठाई। 315. | श्री विमलप्रभाजी | 2005 बीदासर | रतनलालजी दूगड़ | 2024 का. कृ. 8 अहमदाबाद | साध्वोचित अध्ययन, तीन परीक्षा उत्तीर्ण,
तप संख्या 701 384 श्री कुलबालाजी | 2005 डूंगरगढ़ | हुलासमल चोरड़िया 2024 का. कृ. 8 अहमदाबाद यथोचित अध्ययन 317. श्री सुमनप्रभाजी | 2009 डूंगरगढ़ | कन्हैयालाल चोरड़िया | 2024 का. कृ. 8 अहमदाबाद
| यथोचित अध्ययन, ध्यान, जप,स्वाध्याय 318. 386 श्री कुंथुश्रीजी | 2004 ऊमरा प्यारेलालजी गर्ग | 2024 मृ. शु. 9 सूरत आगम बत्तीसी का वाचन,दोशास्त्र कंठस्थ | श्री मधुरेखाजी | 2008 गंगाशहर | गोपीचंदजी लोढ़ा | 2024 चै. कृ. 3 जयसिंहपुर | कई आगम साहित्य ग्रंथ पढ़े,इतिहास की
विशेष रुचि, तप 15 तक, कुल उपवास
1033 320. 388 श्री जिनरेखाजी | 2008 गंगाशहर | कोडामलजी भंसाली | 2025 चै. शु. 13 | हुबली कुछ आगम, स्तोक, संस्कृत आदि ज्ञान,
मौन, जप आदि |321. 389 | श्री उषाकुमारीजी | 2006 सांडवा | प्रेमचन्दजी छाजेड़ | 2025 का. कृ. 8 मद्रास संवत् 2038 में गण से पृथक्, नवतेरापंथ
की साध्वी हैं। 322. 391 | श्री शतिकमारीजी |2009 गंगाशहर |शेरमलजी छाजेड |2025 का. कृ.8 मद्रास प्रखरबुद्धि,100 श्लोक एक दिन में कंठस्थ,
रचना-परिसंवाद, एकांगी व गीत, तप दिन
521 392 | श्री चन्द्रप्रभाजी | 2007 सरदारशहर | कन्हैयालाल गांधी | 2025 मा. पूर्णिमा | कुंभकोणम् | यथोचित ज्ञान, तप संख्या 425 | श्री प्रमोदश्रीजी | 2005 पचपदरा |बाणमलजी चोपड़ा | 2026 ज्ये. कृ. 3
मैसूर
आगमवाचनकी रुचि,साहित्य-15व्याख्यान,
कईलेख लिखे, तप-उपवास सैकड़ों,अठाई श्री विजयमालाजी | 2007 कालू बीजराजजी पुगलिया 2026 का. शु. 5 बैंगलोर संवत् 2056 तारानगर में स्वर्गस्थ | श्री लावण्यश्रीजी | 2010 के.जी.एफ. | जीवराजजी संचेती | 2026 का. शु. 5 बैंगलोर कई आगम वाचन, प्रतिलिपि दो-तीन
ग्रंथों की I श्री प्रज्ञावतीजी | 2008 अहमदाबाद चिमनभाई डोसी |2026 मा. शु. 11 हैदराबाद | यथोचित ज्ञानार्जन, कुल तप संख्या 529 328. 1397 | श्री कृष्णाकुमारीजी | 2005 पद्मपुर नानूरामजी अग्रवाल | 2027 ज्ये. कृ. 4 कांटाभांजी | यथाशक्य ज्ञानार्जन, कुल तप संख्या 1012
393
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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
327.
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