Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
View full book text
________________
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
976
(www.jainelibrary.om
क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी नाम
401.
402.
403.
404.
405.
406.
407.
408.
409.
410.
411.
412.
413.
486
487
488
489
490
491
492
493
494
495
496
498
जन्मसंवत् स्थान
O श्री शीतलप्रभाजी 1985 खेतासर
500
श्री विनयप्रभाजी
श्री ऋषभप्रभाजी 2012 सरदारशहर 4 श्री अर्हत्प्रभाजी
2013 सरदारशहर
4 श्री शांतिप्रभाजी 2017 लाडनूं
2011 सरदारशहर| माणकचंदजी तातेड़ 2037 वै. शु. 8
2037 वै. शु. 8
माणकचंदजी बरड़िया कन्हैयालालजी
2037 वै. शु. 8
सेठिया
पिता-नाम गोत्र
हीरालालजी संचेती
श्री मनीषाश्रीजी 2015 चाड़वास
श्री हिमश्रीजी
दीक्षा संवत् तिथि
2037 वै. शु. 8
4 श्री लोकप्रभाजी 2017 लाडनूं
4 श्री शरप्रभाजी 2015 लाडनूं
श्री शुक्लप्रभाजी 2016 सरदारशहर हुलासमलजी कुहाड़ 2037 मा. कृ. 6
4 श्री विद्युत्प्रभाजी 2017 मोमासर
श्री पावनप्रभाजी | 2018 डूंगरगढ़ श्री सन्मतिश्रीजी 2013 सरदारशहर
बालचंदजी सेठिया 2037 वै. शु. 8
मांगीलालजी दूगड़ 2037 वै. शु. 8
आसकरणजी भरुंट 2037 मा. कृ. 6
मांगीलाल पटावरी
2037 मा. कृ. 6
कस्तूरचंदजी दूगड़ हंसराजजी चंडालिया
2037 मा. कृ. 6 2037 फा. कृ. 9
जीवणमलजी दूगड़ 2037 फा. कृ. 9
2017 सरदारशहर पूनमचंदजी दूगड़
2037 फा. कृ. 9
दीक्षा स्थान
लाडनूं
लाडनूं
लाडनूं
लाडनूं
लाडनूं
लाडनूं
मोमासर
मोमासर
मोमासर
मोमासर
चूरू
चूरू
咄
विशेष विवरण
संवत् 2053 हिरियूर के पास ट्रक दुर्घटना से स्वर्गवास, गृहस्थावस्था में मासखमण तक
तपस्या
यथाशक्य ज्ञानार्जन, तप-10 वर्ष की उम्र में अठाई, 81 उपवास 2 बेले
ज्ञान चरित्र की समाराधना में संलग्न यथोचित ज्ञानार्जन, कतिपय व्याख्यान, गीत निबंध का सृजन, तप दिन से 9 तक लड़ी में सैकड़ों उपवास
संस्थान से बी. ए., विविध कला कौशल्य, सृजन- गीत, मुक्तक लेखादि, तप संख्या 1 से 8 तक लड़ीबद्ध कुल दिन 899 यथोचित ज्ञानार्जन, उपवास अनेकों तेला 1 अठाई 1
यथोचित ज्ञानार्जन, तप उपवास 643, बेले 11, एकासन 1100 के लगभग
यथाशक्य ज्ञान, तप संख्या 936 दिन, दो वर्षीतप आयबल आदि, शीत परिषहजयी यथाशक्य ज्ञानार्जन, सैकड़ों उपवास
यथोचित ज्ञानकला में प्रगति, तप संख्या 564
यथोचित ज्ञानाभ्यास, 1 से 9 तक लड़ीबद्ध तप, 11, 13, 15 का तप
साध्वोचित ज्ञानार्जन कार्यकलाकुशल, संगीत में निपुण, तप 564 उपवास यथोचित अध्ययन, तप 1 से 8 तक लड़ीबद्ध कुल संख्या 550
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
Page Navigation
1 ... 1036 1037 1038 1039 1040 1041 1042 1043 1044 1045 1046 1047 1048 1049 1050 1051 1052 1053 1054 1055 1056 1057 1058 1059 1060 1061 1062 1063 1064 1065 1066 1067 1068 1069 1070 1071 1072 1073 1074 1075 1076