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दीक्षा संवत् स्थान | स्वर्गवास
विशेष-विवरण
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क्रम संदीक्षा क्रम, साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र 30. | 320 श्री तुलछांजी | *लाडनूं
1888 मृ.कृ. 5
लाडनू
श्री कुन्नणांजी
टक
| वैद मुहता
| 1888 मृ.कृ. 5
लाडनूं
| घीया
- 000 0
पन्नांजी श्री सुखांजी श्री मोतांजी
बेसलपुर *कांकरोली गोगुंदा
| 1888 मृ.कृ. 14
1889 - 1890 मृ.कृ.10
खोखावत
मूलांजी
*पाली
खोखावत
| 1890 मृ.कृ.10
894
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। श्री छगनांजी | वनेड़ा
बोहरा
| 1891
-
तपस्विनी, संलेखना के 162 दिन में| 128 दिन का तप, 18 दिन पारणा, 16 दिन चौविहारी अनशन के साथ | संवत् 1892 बीदासर में स्वर्गस्थ । अग्रणी, स्वहस्त से छह दीक्षाएं दी, संवत् 1921 में स्वगर्थ संवत् 1928-34 के मध्य दिवंगत संवत् 1906 में दिवंगत अग्रणी, स्वहस्त से तीन दीक्षाएं दी, संवत् 1935 में दिवंगत संवत् 1906 में स्वर्गस्थ, श्री दोलांजी माता थीं। | संवत् 1930 में स्वर्गस्थ, श्री दोलांजी माता थीं। अग्रणी, संवत् 1936 में दिवंगत 9 वर्ष की वय में दीक्षा, नौ वर्ष का संयम पर्याय पालकर संवत् 1899 में दिवंगत ऋषिराय युग में दिवंगत संवत् 1907 में पंडित मरण तप-6, 17, 30, 30, 34, 40 दिन का, स्वर्गवास संवत् 1920 तप-7, 16, 21, 30, 30, 35 दिन| का, स्वर्गवास संवत् 1942 उपवास बेले तेले बहत, चोले से 211 की तपस्या के दिन कुल 271, संवत् 1936 में दिवंगत
वरजूजी
0
रतनगढ़ 1982 नाथद्वारा
भटेरा
1891 नंदलालजी तलेसरा 1891
चंपाजी
7 श्री चंपाजी *बालोतरा
श्री जेमांजी श्री लिछमांजी बीदासर
*पचपदरा
1892 | 1892 1892 मृ.कृ.9
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- बैंगानी
000 0 0
- श्री महेशांजी | सेवाणगढ़
आछा
| 1892 पो.शु.6
काणाणा
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
किशनगढ़
मुणोत
1892 पो.कृ.6
किशनगढ़
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श्री महताब कंवरजी