Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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952
क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी नाम
89.
102
90.
91.
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जन्मसंवत् स्थान
© श्री मानकंवरजी 1979 लाडनूं
0 श्री भीखांजी
4 श्री झमकूजी
श्री कमलूजी
श्री धनकंवरजी
श्री केशरजी
1981 लाडनूं
1982 जोधपुर
1983 लाडनूं
1983 लाडनूं
1984 लाडनूं
4 श्री गणेशांजी
1984 लाडनूं
4 श्री पानकंवरजी 1984 लाडनूं
4 श्री भत्तूजी
1984 लाडनूं
श्री ज्ञानांजी
श्री सोहनांजी
● श्री सजनांजी
1973 बोरावड़
1983 बोरावड़
1971 गंगाशहर
पिता नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान पृथ्वीराज बरमेचा
1997 का. कृ. 8
लाडनूं
भीवराज सेठिया
जसराजजी श्रीश्रीमल
जालमचंद दूगड़
चांदमलजी बैद
मौजीरामजी दूगड़
जसकरणजी बैद
महालचंदजी बैद
रूपचंदजी बोथरा
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
1997 का. कृ. 8
हस्तीमलजी गेलड़ा 1998 आषा. शु. 7
हस्तीमलजी गेलड़ा 1998 आषा. शु. 7
घमंडीरामजी चोपड़ा 1998 का. कृ. 9
लाडनूं
लाडनूं
लाडनूं
लाडनूं
लाडनू
लाडन
लाडनूं
लाडनूं
पड़िहारा
पड़िहारा
राजलदेसर
विशेष विवरण
आगम बत्तीसी का वाचन, संघीय सप्तवर्षीय परीक्षा, तप संख्या 1143, संवत् 2047 उकलाना में स्वर्गस्थ
यथोचित ज्ञानार्जन, संवत् 2029 से अग्रणी तप संख्या 536, संवत् 2028 बीदासर में स्वर्गस्थ
चार आगम कुछ स्तोक कंठस्थ, 1-10 तक उपवास, जप, मौन स्वाध्याय में लीन यथोचित ज्ञान, तप संख्या 1010 साध्योचित ज्ञान, संवत् 2042 आमेट में स्वर्गस्थ
कलात्मक उपकरण की निर्मिति, तप संख्या 647, संवत् 2034 रींछेड़ में दिवंगत आगम बत्तीसी का वाचन, प्रतिलिपिकर्त्री, प्रतिवर्ष 44 उपवास, शेष तप संख्या 106 साध्वोचित अध्ययन, आगम बत्तीसी का वाचन, तप संख्या 1814, कुछ व्याख्यान भी रचे
साध्वोचित शिक्षा, तप संख्या 1752, एक पछेवड़ी सिवा त्याग, संवत् 2057 ईंडवा में
स्वर्गस्थ
साध्वोचित उपकरण निर्माण में दक्ष, तप
संख्या 2174
तपसंख्या 2441, संवत् 2056 लाडनूं में 7 दिन संलेखना 70 दिन के अनशन सह
दिवंगत
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
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