Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
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क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान विशेष-विवरण | 246 श्री रतनश्रीजी | 1990 लाडनूं मोतीलाल बोकड़िया 2008 चै. शु. 5 | संगरूर आगम, न्याय, संस्कृत ज्ञान, सप्तवर्षीय |
परीक्षा, बहुभाषाविद्,भजन कविता मुक्तक की रचना की। तप 750 उपवास, अठाई, एकाशन के 4 मासखमण, पचरंगी आदि
500 एकाशन | 206. | 247 श्री गुणवतीजी | 1991 टमकोर चंपालाल चोरड़िया | 2008 चै. शु. 5 | संगरूर | ज्ञान-आगम,स्तोक,संस्कृत,न्याय आदि,
कलादक्ष, गीत मुक्तक रचना, तप संख्या
1112 उपवास 1248
श्री गणेशांजी | 1984 रतनगढ़ |सोहनलाल आंचलिया | 2008 का. शु. 13 | दिल्ली संवत् 2053 राजलदेसर में स्वर्ग गमन 1249 10श्री कुसुमश्रीजी 1985 कोलिया |किस्तूरचंदजी सिंधी | 2008 का. शु. 13 दिल्ली संवत् 2044 लाडनूं में 29 दिन तप व
अनशन के साथ दिवंगत Jश्री रतनश्रीजी | 1991 डूंगरगढ़ | हुलासमल चोरडिया 2008 का. शु. 13 | दिल्ली ज्ञान-आगम,संस्कृत आदि,अग्रणी संवत्
2028 से 251 श्री विद्यावतीजी | 1993 डूंगरगढ़ हनूतमलजी दूगड़ 2008 पौ. कृ.5 | भादरा ज्ञान-आगम 5, स्तोक, संस्कृत आदि,
नर्स के कार्य में सक्षम, तप संख्या 394
उपवास 252 0 श्री भानुमतीजी | 1986 गंगाशहर आनंदमलजी सेठिया 2008 पौ. शु. 8 | सिरसा ज्ञान-आगमों का, कलादक्ष,उपवाससंख्या,
1637 253 श्री सज्जनश्रीजी | 1990 शार्दूलपुर | नैतमलजी बोथरा | 2008 मा. कृ.5 | नोहर । ज्ञान-स्तोक, आगम, संस्कृत, रचना
एकान्हिक श्लोक शतक, शोध निबंध कई विशिष्ट कलादक्ष, उपवास संख्या 1589, दस प्रत्याख्यान 15,
आयंबिल तेले 15 | 213. 254 श्री लिखमावतीजी 1972 डूंगरगढ़ | धनराजजी बोथरा | 2008 मा. शु. 13 सरदारशहर | उपवास संख्या 3009 एक से 16 तक की
लड़ी, वर्षीतप, सुव्रत तप, अकषाय तप, धर्मचक्र आदि, भादरा में स्थिरवास
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