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________________ Jain Education International तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ For Private & Personal Use Only 961 क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान विशेष-विवरण | 246 श्री रतनश्रीजी | 1990 लाडनूं मोतीलाल बोकड़िया 2008 चै. शु. 5 | संगरूर आगम, न्याय, संस्कृत ज्ञान, सप्तवर्षीय | परीक्षा, बहुभाषाविद्,भजन कविता मुक्तक की रचना की। तप 750 उपवास, अठाई, एकाशन के 4 मासखमण, पचरंगी आदि 500 एकाशन | 206. | 247 श्री गुणवतीजी | 1991 टमकोर चंपालाल चोरड़िया | 2008 चै. शु. 5 | संगरूर | ज्ञान-आगम,स्तोक,संस्कृत,न्याय आदि, कलादक्ष, गीत मुक्तक रचना, तप संख्या 1112 उपवास 1248 श्री गणेशांजी | 1984 रतनगढ़ |सोहनलाल आंचलिया | 2008 का. शु. 13 | दिल्ली संवत् 2053 राजलदेसर में स्वर्ग गमन 1249 10श्री कुसुमश्रीजी 1985 कोलिया |किस्तूरचंदजी सिंधी | 2008 का. शु. 13 दिल्ली संवत् 2044 लाडनूं में 29 दिन तप व अनशन के साथ दिवंगत Jश्री रतनश्रीजी | 1991 डूंगरगढ़ | हुलासमल चोरडिया 2008 का. शु. 13 | दिल्ली ज्ञान-आगम,संस्कृत आदि,अग्रणी संवत् 2028 से 251 श्री विद्यावतीजी | 1993 डूंगरगढ़ हनूतमलजी दूगड़ 2008 पौ. कृ.5 | भादरा ज्ञान-आगम 5, स्तोक, संस्कृत आदि, नर्स के कार्य में सक्षम, तप संख्या 394 उपवास 252 0 श्री भानुमतीजी | 1986 गंगाशहर आनंदमलजी सेठिया 2008 पौ. शु. 8 | सिरसा ज्ञान-आगमों का, कलादक्ष,उपवाससंख्या, 1637 253 श्री सज्जनश्रीजी | 1990 शार्दूलपुर | नैतमलजी बोथरा | 2008 मा. कृ.5 | नोहर । ज्ञान-स्तोक, आगम, संस्कृत, रचना एकान्हिक श्लोक शतक, शोध निबंध कई विशिष्ट कलादक्ष, उपवास संख्या 1589, दस प्रत्याख्यान 15, आयंबिल तेले 15 | 213. 254 श्री लिखमावतीजी 1972 डूंगरगढ़ | धनराजजी बोथरा | 2008 मा. शु. 13 सरदारशहर | उपवास संख्या 3009 एक से 16 तक की लड़ी, वर्षीतप, सुव्रत तप, अकषाय तप, धर्मचक्र आदि, भादरा में स्थिरवास www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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