Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
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क्रम सं दीक्षा क्रम | साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र | दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण श्री कानकंवरजी | 1987 भादरा | पन्नालालजी नाहटा | 2001 मा. शु. 8 | सुजानगढ़ | शांत प्रकृति, ज्ञान-ध्यान तप प्रधान जीवन,
तप संख्या 1520 संवत् 2029 लाडनूं में
दिवंगत श्री फूलकंवरजी | 1988 लाडनूं | मोहनलालजी बैद | 2001 मा. शु. 8 सुजानगढ़ संवत् 2041 में गण से पृथक | श्री इमरतांजी | 1986 सरदारशहर | महालचंदजी बोरड़ | 2002 का. कृ. 8 | डूंगरगढ़ संवत् 2017 में गण से पृथक् | श्री झमकूजी | 1987 बीदासर | तिलोकचंदजी बैंगानी | 2002 का. कृ. 8 | डूंगरगढ़ कुछ आगम, व्याकरण सूक्ष्माक्षर लेखन
का ज्ञान, तप संख्या 1838 | श्री रतनकंवरजी | 1987 सरदारशहर | बुद्धमलजी बच्छावत 2002 का. कृ. 8 डूंगरगढ़ कुछ आगम, स्तोक, व्याख्यान ज्ञान, तप
संख्या 1083 श्री भीखांजी 1989 डूंगरगढ़ हरखचंदजी बोथरा 2002 का.कृ.8 | डूंगरगढ़ स्तोक आगम ज्ञान, साध्वोचित कार्य में
दक्ष,तप 1 से 9 तक लड़ीबद्ध कुल संख्या
1604 | 192 श्री हुलासांजी | 1989 गंगाशहर | ऊमचंदजी भुगड़ी | 2002 का. कृ. 8 | डूंगरगढ़ सप्तवर्षीयपरीक्षा,1000 गाथाओंका प्रतिदिन
स्वाध्याय,8 द्रव्य 2 विगय का उपभोग,तप
संख्या 2772 | श्री जतनकंवरजी 1989 चूरू भंवरलाल सुराणा 2002 का. कृ.8 | डूंगरगढ़ | संवत् 2037 में गण से पृथक् | श्री धनकंवरजी | 1989 सरदारशहर | लाभूरामजी नखत | 2002 मा. शु. 7 सरदारशहर | यथाशक्य ज्ञान, इंजेक्शन लगाने में दक्ष,
तपसंख्या 1969 195 श्री झमकूजी | 1989 सरदारशहर वृद्धिचंदजी बैद | 2002 मा. शु.7 सरदारशहर | यथासंभव ज्ञानार्जन, आगम बत्तीसी का
वाचन,तप संख्या, उपवास सैकड़ों,2 से 9
तक तप संख्या 421 श्री कानकंवरजी 1989 सरदारशहर गणेशमलजी कोठारी | 2002 मा. शु.7 | सरदारशहर | संवत् 2017 रायपुर में स्वर्ग प्रस्थान | श्री मानकंवरजी | 1990 सरदारशहर | खेतसीदासजी दूगड़ | 2002 मा. शु. 7 सरदारशहर | विदुषी,कला-चातुर्य में पुरस्कृत,तपसंख्या
323,अग्रणी, 5 वर्ष 5 विगय त्याग श्री जेठांजी | 1977 शार्दूलपुर | पूरणमलजी छाजेड़ | 2003 का. कृ. 1 | राजगढ़ कतिपय व्याख्यानादि कंठस्थ, कुल तप
संख्या 2957 लाडनूं में स्थिरवास
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