Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan

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Page 1008
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only क्रम सं दीक्षा क्रम| साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र |दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण श्री रुकमांजी | 1966 रतनगढ़ |सूरजमलजी गोलछा 1994 का. क.8 | बीकानेर संवत् 2018 में गण से पृथक् 14. | 18 |श्री रतनांजी | 1966 लाडनूं | पृथ्वीराजजी बैद 1994 का. कृ.8 बीकानेर 17 दिन के तप व 33 घंटे के चौविहारी अनशन से संवत् 2029 आमेट में दिवंगत श्री लिछमांजी | 1968 कालू सुगनचंद पुगलिया | 1994 का. कृ.8 | बीकानेर स्तोक वहजारों पद्य कंठस्थ, तप 3007 दिन, अन्य विविध तप, संवत् 2042 लाडनूं में स्वर्गस्थ 16. | 20 श्री सुंदरजी |1971 सरदारशहर| धनराजजी छाजेड़ | 1994 का. कृ.8 | बीकानेर अग्रणी, विदूशी, प्रतिदिन 1000 गाथा का स्वाध्याय, सेवाभाविनी, बड़ा तप9,10 दिन| का उपवास | 21 0 श्री पानकंवरजी | 1974 सरदारशहर प्रतापमलजी छाजेड़ 1994 का कृ. 8 यथाशक्य ज्ञान, मधुरगायिका,संवत् 2049 बीदासर में दिवंगत, 'शासनश्री' पद से| | अलंकृत 10 श्री सुखदेवांजी | 1974 सरदारशहर| जुहारमलजी बोरड़ | 1994 का. कृ.8 | बीकानेर यथोचित ज्ञान, एक हजार गाथा का स्वाध्याय, अग्रणी सुदूर विहारी 0 श्री लिछमांजी | 1976 सरदारशहर | दिलसुखराय पींचा | 1994 का. कृ.8 | बीकानेर संवत् 1995 सरदारशहर में स्वर्गस्थ श्री भत्तूजी |1977 सरदारशहर| महालचंदजी दूगड़ | 1994 का. कृ.8 | बीकानेर | यथोचित ज्ञान, तप संख्या 3351, कंठीतप, धर्मचक्र, कर्मचूर, 10 पचखाण 63 तथा पंचरंगी तप | श्री जतनकंवरजी| 1979 राजलदेसर | जोरावरमलजी दूगड़ 1994 का. कृ.8 | बीकानेर आगम बत्तीसी वाचन,कलादक्षा, तप दिन 2347, अग्रणी संवत् 2030 से । श्री इमरतजी 1979 राजगढ़ धनराजजी गधैया । 1994 का. कृ.8 | बीकानेर कुल तप संख्या 131,संवत् 1999 भैंसाणा| में दिवंगत 23. | 27 Iश्री हरकंवरजी | 1979 सरदारशहर| चांदमलजी पींचा | 30 आगम वाचन, संवत् 2003 से अग्रणी वर्तमान श्री धनकंवरजी | 1979 सरदारशहर झूमरलालजी पींचा | 1994 का. कृ.8 | बीकानेर आगमबत्तीसीवाचन,साहित्यसृजन-संस्कार सरोवर,गीत,व्याख्यान,संवत् 2016 से अग्रणी जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास www.jainelibrary.org

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