Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan
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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
लाडनूं
949
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क्रम संदीक्षा क्रम साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण श्री धनकंवरजी | 1981 बीदासर | तिलोकचंदजी बैंगानी | 1996 चै. शु. 10 | बीदासर 30 स्तोक 10 हजार गाथाएं कंठस्थ,
सूक्ष्मलिपि दक्ष, तप संख्या 1762 श्री सूरजकंवरजी 1982 बीदासर | सोहनलालजी दूगड़ | 1996 चै. शु. 10 | बीदासर कलादक्ष,नम्बरसहितप्लास्टिकके चश्मोंकी
सर्वप्रथमनिर्मात,सूक्ष्मलिपिदक्ष,तप 1007 दिन श्री किस्तूरांजी | 1982 बीदासर | देवचंदजी बैंगाणी 1996 चै. शु. 10 | बीदासर सूत्र, व्याख्यान, शताधिक गीत कंठस्थ,
सिलाई रंगाई प्रतिलिपि में कुशल, जाप,
मौन का क्रम 10श्री केशरजी | 1978 लाडनूं | झूमरमलजी पगारिया | 1996 वै.शु.7 लाडनूं स्तोक आगम गीत आदि कंठस्थ, तप
संख्या 1073,घंटोंजाप,स्वाध्याय,सेवार्थिनी 0श्री इन्द्रूजी | 1978 सुजानगढ़ | सोहनलालजी नाहटा | 1996 वै. शु. 7
सजोड़े दीक्षा, यथाशक्य ज्ञान,ध्यान, मौन, उपवास, संवत् 2005-46 तक अग्रणी,
बीदासर में स्थिरवास 66 | श्री मोहनांजी | 1984 लाडनूं | देवचंदजी सांखला | 1996 वै. शु.7 | लाडनूं आचार्य तुलसीजी की भानजी, 20 वर्ष
अग्रणी,संवत् 2040 कांकरोली में स्वर्गस्थ श्री चांदकंवरजी | 1980 जोधपुर | केवलराजजी मुंहता| 1996 का. कृ.8 | बीदासर आगम, स्तोक, व्याकरणज्ञाता, कलादक्ष,
तप संख्या 1598,संवत् 2050 सुजानगढ़ में
स्वर्गस्थ श्री सुरजकंवरजी। 1982 बडी पाद | बालचंदजी आंचलिया | 1996 का. कृ.8 बीदासर कलाकृति हेतु 6 बार पुरस्कृत, तप संख्या
1469,संवत् 2040 सरदारशहर में दिवंगत श्री सोहनांजी
1980 वास गेरीलालजी पोरवाल 1996 मृ.शु. 10 छापर संवत् 1997 चूरू में स्वर्गस्थ श्री रतनांजी 1975 राजलदेसर | महालचंदजी बैद | 1996 पो. शु. 8 राजलदेसर | हजारों गाथाएं कंठस्थ,तप संख्या 1790,
संवत् 2056 राजलदेसर में 50 दिन की
संलेखना व अनशन सह दिवंगत श्री पन्नांजी | 1977 डूंगरगढ़ | शोभाचंद पुगलिया | 1996 पौ. शु. 8 | राजलदेसर । तप संख्या 803,आछ से चातुर्मासिक तप के
120 वें दिन दिवंगत संवत् 2017 केलवा में श्री केशरजी | 1983 राजलदेसर | जेठमलजी नौलखा | 1996 पौ. शु. 8 | राजलदेसर | 22 आगम वाचन, माला, सिलाई रंगाई में
दक्ष, तप संख्या 525
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