Book Title: Jain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Author(s): Vijay Sadhvi Arya
Publisher: Bharatiya Vidya Pratishthan

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Page 989
________________ क्रम सं दीक्षा क्रम, साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान Jain Education International श्री गीगांजी श्री भूरांजी |- सरदारशहर |1936 बरार आसकरणजी बैद | फूसोजी दक | 1961 मा.शु. 14 रतनगढ़ 1961 मा. भा. 14 | रतनगढ़ तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ 72 श्री जतनकंवरजी - किशनगढ़ | रेवतसिंहजी मुणोत | 1961 वै.शु.7 10श्री चांदाजी 1939 सरदारशहर | भैंरुदानजी पींचा 1962 भा.कृ.12 | लाडनूं लाडनूं |श्री जड़ावांजी |सदमलजी बोथरा | 1962 मृ.शु. 14 | सुजानगढ़ श्री मनोरांजी |बीदासर - भिवानी हरभजनलालजी जैन | 1962 मा.शु. 10 अग्रवाल |1937 सरदारशहर | पनचंदजी चंडालिया 1969 भा. कृ. 11 श्री भूराजी सरदारजहर For Private & Personal Use Only | विशेष-विवरण स्वर्गवास संवत्. 1971 'सिरियारी' में विनयी, सरल, अनेक स्तोक व्याख्या कंठस्थ, तप-1 से 9 तक लड़ी, 18 का तप, 41 दिन की संलेखना, कुल दिन 3298,संवत् 2029 डूंगरगढ़' में स्वर्गवास स्वर्गवास संवत्. 1974 ईडवा' में अग्रणी, तपसाधिका, तप के कुल दिन 1405,संवत् 2013 'चाड़वास' में दिवंगत तपके दिन 1568, संवत्. 2017 खिंवाड़ा' | में दिवंगत | दो भ्राता दीक्षित,अग्रणी,तप के दिन 621, संवत् 1993 'आसपालसर' में दिवंगत तप- उपवास से 5 तक, अठाई दो, कुल दिन 3990, नौ दिन संलेखना संथारा सह। संवत् 2024 'लाडनूं' में दिवंगत तप के कुल दिन 579, संवत् 1990 'सादासर' में दिवंगत तपके दिन 522,संवत्. 1983 'समदड़ी' में पडित मरण 36 वर्ष अग्रणी, संवत्. 2004 'चूरू' में स्वर्गवासिनी माता श्री हुलासांजी थीं। संवत्. 2039 लाडनूं' में स्वर्गवास संवत्. 1979 में दिवंगत व्याख्यान कला में प्रवाण, साहसिका, अग्रणी,संवत् 1987'रामसिंह का गुडा' में स्वर्गस्थ चोरडिया श्री चूनांजी 1963 भा.कृ.11 | सरदारशहर |1944 सरदारशहर| मिरजामलजी चोरड़िया 1944 सरदारशहर| सिरेमलजी दूगड़ श्री नानूंजी | 1963 भा.कृ.11 सरदारशहर श्री हुलासांजी |1938 चूरू | भीवराजजी पारख | 1963 आसो.शु. 10 | सरदारशहर | श्री केशरजी |1955 राजलदेसर | हरखचंदजी बैद | 1963 आसो.शु. 10 | सरदारशहर Joश्री जड़ावांजी 840श्री भत्तूजी |- सरदारशहर | हनूतमलजी पींचा | 1963 का.शु.8 |1937 छापर | किस्तूरचंदजी नाहटा | 1963 पौ. कृ. 2 | सरदारशहर | चूरु www.jainelibrary.org

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