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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
7.13.10 समणी सन्मतिप्रज्ञाजी (सं. 2046 )
आप गंगाशहर के चोपड़ा गोत्र की कन्या हैं, माघ शुक्ला पंचमी को लाडनूं में दीक्षा लेकर एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की। आपकी 'समणदीक्षा : एक परिचय' पुस्तक प्रकाशित है।
7.13.11 समणी शुभप्रज्ञाजी (सं. 2046 )
आप लाडनूं के फूलफगर परिवार की कन्या हैं, लाडनूं में माघ शुक्ला पंचमी को दीक्षित होकर एम. ए. पी. एच.डी. तक की शिक्षा प्राप्त की। आपने 'उपासकदशा एक समीक्षात्मक अध्ययन' पर शोध-प्रबंध लिखा । 7.13.12 समणी हिमप्रज्ञाजी (सं. 2048 )
आप फतेहगढ़ के मेहता परिवार की कन्या हैं, लाडनूं में कार्तिक शुक्ला 10 को आप दीक्षित हुईं। 'आचार्य तुलसी का समाज दर्शन' विषय पर आपने शोध प्रबंध लिखकर पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
7.13.13 श्री सत्यप्रज्ञाजी (सं. 2048 )
श्रीडूंगरगढ़ के सेठिया कुल में समुत्पन्न होकर 25 वर्ष की कौमार्य अवस्था में कार्तिक शुक्ला दशमी को लाडनूं में आप समणी जीवन में प्रविष्ट हुईं। आपने 'ज्ञाताधर्मकथा एक समीक्षात्मक अध्ययन' पर शोध प्रबन्ध प्रस्तुत कर पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की।
7.13.14 समणी मलयप्रज्ञाजी (सं. 2049 - वर्तमान )
आपका जन्म उड़ीसा प्रान्त के टिटिलागढ़ में संवत् 2027 वैशाख कृष्णा 7 को अग्रवाल परिवार में हुआ, संवत् 2049 कार्तिक कृष्णा 7 के दिन लाडनूं में आपने दीक्षा ग्रहण की। संस्थान से एम. ए. करने के पश्चात् आपने 'दशवैकालिक का दार्शनिक अनुशीलन' विषय पर पी. एच. डी. की डिग्री प्राप्त की ।
7.13.15 समणी अमितप्रज्ञाजी (सं. 2052 )
आप गुजरात प्रान्त के 'बाव' ग्राम की कन्या हैं, मेहता कुल में उत्पन्न हुईं। संवत् 2052 आषाढ़ शुक्ला 11 को लाडनूं में 'समणी दीक्षा अंगीकार की आपने 'उत्तराध्ययन: शैली का वैज्ञानिक अध्ययन' विषय पर पी.एच. डी. की है।
7.13.16 समणी संबोधप्रज्ञाजी (सं. 2054 )
आप हरियाणा प्रान्त के 'हांसी शहर की अग्रवाल जैन कन्या हैं। संवत् 2054 कार्तिक शुक्ला पंचमी को 'गंगाशहर' में आपने समणी दीक्षा अंगीकार की आपने 'अर्धमागधी आगमों में आत्मतत्व की अवधारणा' विषय पर पी.एच.डी. की है।
7.13.17 समणी प्रशमप्रज्ञाजी
आपने 'प्रश्नव्याकरण में संवर का स्वरूप' विषय पर पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की। आपका विशेष ज्ञातव्य उपलब्ध नहीं हुआ।
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