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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
क्षेत्र में आपने अपनी रुचि दिखाई। सैकड़ों उपवास, 7 बेले, 5 तेले, 3 पचोले, 4 अठाई, नौ, दस, ग्यारह, सोलह तथा एक वर्षीतप किया। 7.12.23 श्री मल्लिकाश्रीजी (सं. 2053-वर्तमान) 10/23
___ आप फतेहगढ़ (भुज-कच्छ) निवासी बाबूलालजी सिंघवी की सुकन्या हैं। 24 वर्ष की वय में फाल्गुन शुक्ला 6 को श्री डूंगरगढ़ में आपने दीक्षा ली। आगम एवं संघीय साहित्य के अध्ययन के साथ आपने जैनदर्शन में एम.ए. किया। प्रतिदिन 1000 गाथाओं का स्वाध्याय जप, मौन, ध्यान आदि के साथ आपने तपस्या भी खूब की। 500 के लगभग उपवास, 30 बेले, 40 तेले, 3 चोले, 4 पचोले, 2 अठाई, 6, 9, 11, 30 की तपस्या की। आयंबिल की 9 ओली, वर्षीतप एवं 11 बार दस प्रत्याख्यान भी आपने किये हैं।
सेठिया
7.12.24 श्री राजश्रीजी (सं. 2053-वर्तमान) 10/24
आप सूरत निवासी सोहनलालजी जीरावला की सुपुत्री हैं 19 वर्ष की वय में श्री डूंगरगढ में आप फाल्गुन शुक्ला 6 को दीक्षित हुई। आपने दशवैकालिक कंठस्थ किया, प्रतिमास 3 उपवास का क्रम चलता है 4 बेले, 1 तेला व ! अठाई भी की। दो वर्षों से सर्दी में कम्बल न ओढ़ने का भी संकल्प है।
आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के शासनकाल में दीक्षित साध्वियाँ (सं. 2052-59) क्रम संख्या दीक्षा क्रम | साध्वी-नाम
जाति । जन्म-संवत् | जन्म-स्थान | दीक्षा-संवत् • श्री संयमप्रभाजी सुराणा
2023 सरदार शहर 2050 • श्री प्रबोधयशाजी
2026 उदासर
2054 •श्री पुनीतयशाजी नाहर
2026 बीदासर
2054 • श्री इंदुयशाजी सुराणा
2026 सरदार शहर 2054 • श्री कुंदनयशाजी लूनिया
2027
श्रीडूंगरगढ़ 2054 • श्री जयंतयशाजी बुच्चा
2027 गंगा हर
2054 •श्री विनीतयशाजी चोरडिया
सुजानगढ़
2054 • श्री मधुयशाजी लोढ़ा
2032 गंगाशहर
2054 •श्रीचारित्रप्रभाजी सालेचा
2022 जसोल
2055 • श्री अनेकान्तप्रभाजी पारेख
2025
अहमदाबाद 2055 • श्री संपूर्णयशाजी दूगड़
2029
सरदारशर 2055 श्री किरणप्रभाजी सुराणा
राजगढ़
2055 श्री विनीतप्रभाजी
2012 आडसर
2055 • श्री कुलविभाजी गिडिया
2027 बीदासर
2055
2027
2000
छाजेड़
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