Book Title: Gyansuryodaya Natak
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 25
________________ प्रथम अंक। वही इसका उपभोग करैगा । योग्यताका इससे कोई सम्बन्ध नही है। रति-यह ठीक है, परन्तु सहायकोंके बिना उनका जीतना __ भी तो कठिन है । इस विषयमें वहां क्या विचार हुआ है ? । ___ काम-उस समय मोहकी वल्लभा स्त्री मायाने कहा था कि, हरि, हर, और ब्रह्मा ये तीनों बलवान है, और मुझपर प्रीति रखते है । इसलिये उन्हें अपने पक्ष पोषक बनाना चाहिये ।" यह सुनकर मोहने कहा था कि, “ देवी! इस कार्यको तुमहीं अच्छी तरहसे सम्पादन करोगी।" तब माया यह कहकर वहांसे उसी समय चली गई थी कि, “महाराजकी जो आज्ञा होगी, वही मैं करूंगी। मैं हरि हर ब्रह्मादिके पास जाकर समस्त कार्य निवेदन करके, और उन्हें अपने पक्षमें दृढ़ करके कार्य साध लाऊंगी।" रति-पीछे माया क्या काम करके आई थी? काम-न मालम पीछे क्या हुआ, चलो चलकर देखें। दोनों जाते हैं परदा पड़ता है। अथ द्वितीय गर्भावः। स्थान-मोहका राजभवन । (मोह और उसके दम आदि कर्मचारी बैठे हुए है । फाटकपर __ लीलावती नामकी दासी खड़ी है । विलास प्रवेश करता है।) विलास-लीलावति! मुझे मायाने भेजा है। इस लिये तु जाकर मोह महाराजको सूचित कर । लीलावती-(भीतर महलमें जाकर) हे देव ! विलास आया है। राजा-(सहर्ष उठकर) लीलावति! विलासको शीघ्र भेज । ।

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