Book Title: Gyanankusham
Author(s): Yogindudev, Purnachandra Jain, Rushabhchand Jain
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 9
________________ पितफ ज्ञानकुशम अनुक्रमणिका क्र. q D = * * * १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ १९ २० २१ २२ २३ २४ विषय मंगलाचरण आत्मभावना का फल संसार और मोक्ष का कारण विभावों को क्षय करने की प्रेरणा ध्यान का लक्षण व फल संकल्प और उसका फल निराश्रय ध्यान आत्मा व ज्ञान में एकत्व ब्रह्मविहार का फल क्लेश का मूल कारण सिद्धों का ध्यान आत्मभावना शुद्धात्मा के ध्यान का फल धर्मध्यान के भेद योगी का कर्त्तव्य आत्माचरण आत्मा का कर्त्तव्य की प्रेरणा पुण्य आत्मा का स्वरूप रत्नत्रय की भावना पाँच ज्ञान चैत्यभक्ति सम्यग्ज्ञान से आत्मशुद्धि शास्त्र-गुरु और मोक्ष का लक्षण पृष्ठ क्र. १ ४ ७ १० १३ १५ १८ ********* O m w o २० २३ २६ २९ ३१ ३४ ३६ ४१ ४४ ४७ ४९ ५२ ५५ पट ६१ ६३ ६६

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