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एस धम्मो सनंतनो
आदेश नहीं देता हूं। यह सिर्फ समझ दे रहा हूं। तुम ऐसा करो ही, ऐसा नहीं कह रहा हूं।
और ऐसा भूलकर भी मत सोचना कि मैंने कहा, इसलिए तुम करोगे। वह तो बात बेकार हो गयी। मेरे कहे किया, तो किसी काम का न रहा । तुम्हारे आनंद से हो, तुम्हारे आनंद से निकले। सहज - स्फूर्त हो । सहज - स्फूर्त ही सुंदर है ।
आज इतना ही।
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