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धर्म का सार-बांटना
दिया। इसने प्रत्येक जर्मन को कठोर बना दिया। ये कठोर बनने की तरकीबें हैं। ___ मैं कई बार सोचता हूं कि अगर यह दो-चार सिगरेट पी लेता, तो कुछ हर्जा नहीं था, लाभ ही होता दुनिया को। यह अगर किसी स्त्री के प्रेम में पड़ जाता और थोड़ी मूढ़ताएं कर लेता, तो लाभ ही होता दुनिया को। एकाध-दो बच्चे इसको पैदा हो जाते, और यह ब्रह्मचारी ही न रहता, तो शायद इसके जीवन में थोड़ी सरसता आ जाती। तो शायद दूसरों के बच्चे हैं और उन पर बम गिराना कठिन हो जाता। कि दूसरे लोग भी प्रेम करते हैं, कि उनकी भी प्रेम की आकांक्षाएं हैं-उनको मारना कठिन हो जाता।
लेकिन यह कठोर महात्मा था। यह महात्मा दुनिया को महायुद्ध में ले गया।
दुनिया महात्माओं से बुरी तरह पीड़ित रही है। कारण? वे अपने को ही प्रेम करने में असमर्थ हैं; दूसरे को प्रेम न कर सकेंगे। वे अपने को सताने में कुशल हैं, वे दूसरों को भी सताने के मौके खोजते रहेंगे।
यह कौशल नरेश। यह तो सोच रहा है कि यह आदमी नर्क जाएगा। न कभी सुख से जीया, न खाया, न पीया। सब पड़ा रह गया! दान कर लेता। पुण्य कर लेता। कुछ कर लेता। लेकिन स्वयं बुद्ध को भूल गया। वह इस तरह उलझा रहा धन को ढुलवाने में कि एक भी दिन भगवान के पास न आ सका। वैसे साधारणतः वह नियम से प्रतिदिन प्रातःकाल भगवान के दर्शन और सत्संग के लिए आता था। ___ आज कसौटी थी। धन को छोड़कर आना संभव नहीं हुआ। सब सुविधा में चल रहा था, तो आने में कोई अड़चन न थी। वहां भी बैठकर झपकी लेता होगा। वहां भी बैठकर विश्राम करता होगा। वहां भी बुद्ध जो कहते होंगे, सुनता नहीं होगा। सुना होता, तो सात दिन तक भूल कैसे जाता? वह सब सुना मिट्टी में गया। उस सब सुने में कुछ सार नहीं।
सुना होता, तो आज तो यह बड़ा प्रमाण मिल गया था, बुद्ध जो कहते थे उसी का : कि यह सब पड़ा रहा जाएगा। यह सब ठाठ पड़ा रह जाएगा, जब बांध चलेगा बनजारा! आज तो प्रमाण मिल जाता, आज तो देखकर आंखें खुल जातीं, कि बुद्ध ठीक ही कहते हैं। अब और देर करनी उचित नहीं। जैसे यह श्रेष्ठी मर गया, ऐसे कल मैं मर जाऊंगा। उसके पहले कुछ कर लूं, कुछ खोज लूं, कुछ सत्य से नाता जोड़ लूं। बुद्ध के चरण पकड़ लूं। बुद्ध जो कहते हैं, उसे गुन लूं, उसे जीवन में उतार लूं।
लेकिन जिस दिन धन दुलवाने का काम पूरा हुआ, उसे उस दिन फिर भगवान की याद आयी! __ अब फिर खाली था। फिर फुरसत थी। तो भगवान यानी एक तरह का मनोरंजन। काम-वाम अब नहीं है कुछ। अब चलो, वहां हो आएं। इस संसार को तो सम्हाल ही लें, उस संसार को भी सम्हाले रहें। और जब भी दोनों में संघर्ष हो, तो इसको पहले सम्हालना है, उसको बाद दे देनी है।
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