Book Title: Dhammapada 11
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 355
________________ एस धम्मो सनंतनो पास था—घर-मकान-द्वार, गहना-जेवरात-सब बेच दिया। बड़े यंत्र लाया, पहाड़ पर बड़ी गहरी खुदाई की। लेकिन आखिर थक गया। सोना न मिला, सो न मिला। उसने अखबारों में विज्ञापन दिया कि मैं पूरा पहाड़, खोदने के सारे यंत्रों के साथ, बेचना चाहता हूं। उसके मित्रों ने कहाः कौन खरीदेगा? अब तुम बेकार विज्ञापन में पैसा खराब मत करो। तुम्हारी खबर तो सारे अमरीका में पहुंच गयी है। सबको पता हो गया है कि तुम्हें पहाड़ पर कुछ भी नहीं मिला है! सब तुमने गंवा दिया है इसके पीछे। अब कौन पागल गंवाएगा? उसने कहा : मैं ही कोई एक अकेला पागल थोड़े ही हं इतने बड़े मुल्क में, कोई एकाध होगा। और निकल आया एक आदमी! और उसने एक करोड़ रुपए देकर वह पूरा पहाड़ खरीद लिया। उसके मित्रों ने कहा कि तुम महा पागल हो! वह आदमी बरबाद हो गया-तुम देखते नहीं? उसने कहा : जहां तक उसने खोदा है, वहां तक सोना नहीं है; यह ठीक है। लेकिन खुदाई तो आगे भी हो सकती है। एक कोशिश और कर ली जाए। और तुम जानकर हैरान होओगे कि सिर्फ एक हाथ खुदाई करने पर दुनिया की सबसे बड़ी खदान मिली। सिर्फ एक हाथ और खुदाई करने की बात थी। तो कभी दिशा गलत होती है, तब तो मिल ही नहीं सकता। कभी दिशा भी ठीक होती है, तो तुम पूरे नहीं जाते! कभी तुम जाते भी हो, तो आखिर-आखिर में चूक जाते हो। एक हाथ के फासले से भी आदमी लौट आ सकता है। इसलिए इतनी जल्दी निर्णय मत लो कि जीवन व्यर्थ है। मैं तुमसे कहता हूं-चश्मदीद गवाह की तरह-जीवन व्यर्थ नहीं है। दिशा बदलो। और दिशा बदलने के बाद सारी ऊर्जा को खुदाई में लगा दो। और कभी निराश मत होना। नहीं तो कभी यह हो सकता है कि एक हाथ पहले से लौट आओ। खोदते ही जाना, खोदते ही जाना। आज नहीं कल, कल नहीं परसों-खोदते ही जाना—एक दिन खजाना मिलने ही वाला है। क्योंकि खजाना प्रत्येक के भीतर छिपाया ही गया है। तुम्हारे होने में ही प्रमाण है कि तुम्हारे भीतर खजाना है। जहां जीवन है, वहीं परमात्मा भीतर विराजमान है। खुदाई करने की जरूरत है। कोई थोड़ी खुदाई से पा लेता है, क्योंकि किसी के कर्मों का जाल कम है। कोई थोड़ी ज्यादा खुदाई से पाता है; क्योंकि अतीत में बहुत कर्मों का जाल बना लिया है। और मैं तुमसे कहता हूं : आत्महत्या मत कर लेना, नहीं तो तुमने फिर और एक कर्म का जाल बनाया। अगले जीवन में खुदाई और मुश्किल हो जाएगी। . आत्महत्या ही करनी हो, तो कम से कम पहला साहस करो.-संन्यास का। फिर मैं तुम्हें ठीक आत्महत्या का उपाय बता दूंगा। ऐसी आत्महत्या का उपाय कि पुलिस भी नहीं पकड़ेगी; अदालत में भी नहीं जाना पड़ेगा। परमात्मा के कानून में भी कहीं नहीं आओगे। मैं तुम्हें ठीक-ठीक रास्ता बता दूंगा-कैसे तिरोहित हो 342

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