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पुण्यातीत ले जाए, वही साधु-कर्म
से देखोगे तो तुम्हारा वर्तमान बदलेगा।
भूलें दोहरती हैं, क्योंकि तुम उन्हें गौर से नहीं देखते। भूलें बार-बार दोहरती चली जाती हैं। तुम वही-वही फिर-फिर करते हो, क्योंकि तुम पाठ नहीं लेते।
अतीत पाठशाला है। उससे अगर एक समझ तुम्हारे जीवन में आ जाए तो सब आ गया, तो जीवन का अर्थ पूरा हुआ। वह समझ यह है कि अपने को दुख देना ही संभव है, दूसरे को दुख देना संभव नहीं है। और जब भी तुमने सोचा, दूसरे को दुख दे रहे हैं, तब तुमने अपने ही दुख के बीज बोए। दूसरे के साथ कुछ भी करना संभव नहीं है। इसलिए जब तुमने यह व्यर्थ की आशा बांधी कि दूसरे के साथ तुम कुछ कर रहे हो, दूसरे को सता रहे हो, दूसरे को मिटा रहे हो, तब तुमने अनजाने अपने को ही मिटाया। तुम्हारे क्रोध में तुम्हीं जले। तुम्हारी घृणा में तुमने अपने भीतर ही घाव बनाए। तुम्हारी ईर्ष्या में तुमने अपनी ही चिता की लकड़ियां सजायीं। लेकिन आदमी ऐसा है!
मैंने सुना है, एक भक्त बहुत दिनों तक भगवान की प्रार्थना करता रहा। कहते हैं भगवान प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे वरदान दिया कि तू जो भी मांगेगा, जब भी मांगेगा, तत्क्षण पूरा हो जाएगा। लेकिन जितना तुझे मिलेगा उससे दुगुना तेरे पड़ोसियों को मिल जाएगा।
सब बात ही खराब कर दी। दिल बैठ गया भक्त का! क्योंकि आदमी बड़ा मकान चाहता है, सिर्फ इसीलिए कि पड़ोसियों के मकान छोटे कर दे। मांगा, लेकिन अब कोई रस न रहा। कहा, सात मंजिल का मकान हो जाए, हो गया। लेकिन बाहर निकलने की हिम्मत न पड़े भक्त की, क्योंकि बगल के मकान चौदह मंजिल के हो गए। सारा गांव चौदह मंजिल का हो गया। यह कोई वरदान हुआ?-भक्त सोचने लगा—यह तो अभिशाप हो गया है। इससे तो हम अपनी तरह से ही कर लेते, वही ठीक था। यह व्यर्थ गई प्रार्थना। ___इसे समझना। आदमी और भगवान के नियमों में बड़ा फर्क है। तुम जो मांगते हो, मिल जाएगा। लेकिन भगवान एक शर्त उसमें लगा देगा, और वही शर्त तुम्हारी मांगों को व्यर्थ कर जाएगी। क्योंकि तुमने मांगे ही गलत कारणों से थे। लाखों रुपए मांगे, मिल गए; हीरे-जवाहरात मांगे, मिल गए; लेकिन पड़ोस में दोहरी वर्षा हो गई हीरे-जवाहरातों की।
तुम सोचो उस भक्त की मुश्किल। उसकी जगह अपने को रखकर देखो। आखिर उससे न रहा गया। उसने कहा, मेरे मकान के सामने चार कुएं बना दे। उसके मकान के सामने चार कुएं बन गए, पड़ोसियों के मकान के सामने आठ-आठ कुएं बन गए। निकलने की जगह ही न रही। उसने कहा, हे भगवान! अब मेरी एक आंख फोड़ दे। उसकी एक आंख फूट गई, पड़ोसियों की दोनों आंखें फूट गयीं। आठ-आठ कुएं! अंधा पूरा गांव। वह राजा ो गया। लोग गिरने लगे कुओं में,
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