Book Title: Dhammapada 03
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 282
________________ TERRITATE जरत में एक अनूठी परंपरा रही है कि जब या फिर कोई बुद्ध पुरुष हो तो अतीत के बुद्ध पुरुषों की वाणी को पुनरुज्जीवित करे। तुम्हारे हस्ताक्षर हटाए; तुमने जो धूल-धवांस इकट्ठी कर दी है चारों तरफ, उसे हटाए; दर्पण को फिर निखराए, फिर उघाड़े। 1150 A REBEL BOOK

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