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कल्याण मित्र की खोज
करे, तो चौबीस घंटे सोचना, फिर जवाब देना। बस, इसको याद रखना अभी। अभी तेरी समझ में भी न आएगा। लेकिन इस संपदा से मैंने जिंदगी में बड़ी बहुमूल्य फसलें काटी।
और गुरजिएफ ने कहा बाद में कि पिता के मरते समय के वचन थे, भूलना • मुश्किल था। जैसे कोई सील लगा गया है हृदय पर; जैसे किसी ने जलते हुए अक्षरों
में लिख दिया हृदय पर। पिता ने तो यही कहा था, जब तू समझदार हो जाए; लेकिन मैं उसी दिन समझदार हो गया। पिता चल बसे। उसी दिन से मैंने फिक्र करनी शुरू कर दी। किसी ने गाली दी, किसी ने अपमान किया, किसी ने निंदा की, मैं कह आया कि मैं चौबीस घंटे बाद आकर जवाब दे जाऊंगा। पिता को वचन दिया है मरते वक्त। मन तो अभी हो रहा है कि जवाब दे दूं, मजबूरी है लेकिन, वचन पूरा करना है-चौबीस घंटे बाद। ___ और चौबीस घंटे बाद, गुरजिएफ ने कहा, कभी जवाब देने की जरूरत न रही। चौबीस घंटे सोचा तो अक्सर तो यही पाया कि दूसरे ने जो कहा, सच ही कहा। - तुम जरा गौर से देखो, जितने लोगों ने तुम्हारी निंदाएं की हैं, उनमें कितनी सच्चाइयां थीं? कभी एकांत में बैठकर उन पर ध्यान करो। तुम इतने उद्विग्न ही इसलिए हो गए थे कि सचाई छ ली गई थी। ___ एक राजनेता ने मुल्ला नसरुद्दीन से आकर कहा कि तुम मेरे संबंध में झूठी अफवाहें फैलाना बंद करो, अन्यथा मैं तुम्हें अदालत में खींच ले जाऊंगा। नसरुद्दीन ने कहा, भगवान को धन्यवाद दो, खुदा का शुक्र समझो कि मैं झूठी बातें कह रहा हूं; अगर सच कहने लगू, तुम और मुश्किल में पड़ जाओगे। कहते हैं, फिर राजनेता दुबारा उसके पास न गया कि और एक झंझट की बात है।
सच तो और भी मुश्किल में डाल जाएगा। अच्छा ही है कि दुश्मन झूठी बातें कर रहे हैं। तुम गौर करना। गुरजिएफ की पूरी जिंदगी बदल गई। क्रांति घटित हो गई। एक छोटा सा सूत्र-सारे शास्त्र समा गए। · चौबीस घंटे बहुत वक्त हो जाता है। चौबीस घंटे अगर तुम्हें सोचना पड़े तो तुम कैसे झुठलाओगे इस बात को? किसी ने कहा कि तुम बेईमान हो; कैसे झठलाओगे इस बात को? चौबीस घंटे यह बात तुम्हें याद आती रहेगी। किसी न किसी क्षण में यह दिखलाई पड़ेगा, कहा तो सच ही है; हूं तो बेईमान। तो तुम धन्यवाद दे आना जाकर कि ठीक कहा था।
जब कोई बेईमान कहता है, उसी वक्त अगर उत्तर देने की तैयारी की, तो उस वक्त तुम बड़े उद्विग्न हो। किसी ने घाव छू दिया है। दर्द अभी हरा है। अभी पीड़ा तुम्हें घेरे है। अभी सोच-विचार का मौका नहीं है। अभी तुम जो करोगे, वह अंधा कृत्य होगा, प्रतिक्रिया होगी। थोड़ा सोचो, विचारो, ध्यान करो, मौन से चिंतन करो, मनन करो; तो या तो तुम पाओगे कि उसने जो कहा, सच है।
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