________________
मलूकदास कन थोरे कांकर घने
रामदुवारे जो मरे
दरिया
कानों सुनी सो झूठ सब
अमी झरत बिगसत कंवल
झेन, सूफी और उपनिषद की कहानियां
बिन बाती बिन तेल
सहज समाधि भली दीया तले अंधेरा
अन्य रहस्यवादी भक्ति-सूत्र (नारद)
शिव-सूत्र (शिव)
भजगोविन्दम् मूढमते (आदिशंकराचार्य)
एक ओंकार सतनाम ( नानक) जगत तरैया भोर की (दयाबाई) बिन घन परत फुहार (सहजोबाई ) नहीं सांझ नहीं भोर ( चरणदास) संतो, मगन भया मन मेरा ( रज्जब )
कहै वाजिद पुकार ( वाजिद) मरौ हे जोगी मरौ (गोरख ) सहज-योग (सरहपा - तिलोपा) बिरहिनी मंदिर दियना बार (यारी) दरिया कहै सब्द निरबाना
(दरियादास बिहारवाले)
प्रेम-रंग-रस ओढ़ चदरिया (दूलन) हंसा तो मोती चुगैं (लाल) गुरु- परताप साध की संगति (भीखा ) मन ही पूजा मन ही धूप ( रैदास) झरत दसहूं दिस मोती (गुलाल) जरथुस्त्र : नाचता-गाता मसीहा (जरथुस्त्र)
प्रश्नोत्तर
नहिं राम बिन ठांव प्रेम-पंथ ऐसो कठिन
उत्सव आमार जाति, आनंद आमार गोत्र मृत्योर्मा अमृतं गमय
प्रीतम छवि नैनन बसी
रहिमन धागा प्रेम का
उड़ियो पंख पसार सुमिरन मेरा हरि करैं
पिय को खोजन मैं चली
साहेब मिल साहेब भये
जो बोलैं तो हरिकथा बहुरि न ऐसा दांव
यूं था यूं ठहराया
यं मछली बिन नीर
दीपक बारा नाम का अनहद में बिसराम
लगन महूरत झूठ सब सहज आसिकी नाहिं पीवत रामरस लगी खुमारी रामनाम जान्यो नहीं
सांच सांच सो सांच आई गई हिरा
बहुतेरे हैं घाट कोंपलें फिर फूट आईं
फिर पत्तों की पांजेब बजी' फिर अमरित की बूंद पड़ी
चेति सकै तो चेति
क्या सोवै तू बावरी
एक एक कदम
चल हंसा उस देस
कहा कहूं उस देस की पंथ प्रेम को अटपटो मूलभूत मानवीय अधिकार
नया मनुष्यः भविष्य की एकमात्र आशा सत्यम् शिवम् सुंदरम्
रसो वै सः सच्चिदानंद
पंडित-पुरोहित और राजनेता : मानव आत्मा के शोषक ॐ मणि पद्मे हुम्
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः