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एस धम्मो सनंतनो
है। बेहोशी का मतलब है कि तुम खो जाते हो, होश तो पूरा हो जाता है। यह ऐसी बेहोशी है कि इसमें होश खोता नहीं, बढ़ जाता है, लेकिन तुम मिट जाते हो। यही सांसारिक शराब और परमात्मा की शराब का भेद है।
जब तुम शराब पीते हो, तुम तो रहते हो, होश खो जाता है। जब तुम परमात्मा को पीते हो, तुम तो मिट जाते हो, होश रह जाता है I
इब्तिदा से आज तक नातिक की है ये सरगुजश्त
पहले चुप था, फिर हुआ दीवाना, अब बेहोश है
घबड़ाना मत। यहीं तो सदगुरु की जरूरत हो जाती है। तुम्हारा डर स्वाभाविक है। अब तक जिस ढंग से तुम जीए, वह सब लड़खड़ा जाएगा। अब तक जिसको तुमने जिंदगी समझी थी, अब जिंदगी मालूम न होगी । अब कहीं दूर ने तुम्हें पुकारा । अब तुम चल पड़े किसी ऐसी खोज में, जहां आदमी को अकेला ही जाना पड़ता है, जहां राजपथ नहीं है, जहां बस पगडंडियां हैं। पगडंडियां भी पहले से तैयार नहीं; चलते हो, बस उतनी ही तैयार होती हैं। दुनिया तो यही समझेगी कि तुम गए ! दुनिया तो यही समझेगी कि तुम मुर्दा हुए !
मुहब्बत ने उम्रे -अबद हमको बख्शी
मगर सब यह समझे फना हो गए हम
लोग यही समझे कि मर गया यह आदमी। पहले समझेंगे पागल, फिर समझेंगे मृत लोग भूल ही जाएंगे तुम्हें कि तुम हो भी। ऐसा किनारा काटकर निकल जाएंगे। दुनिया यही समझेगी, यह आदमी समाप्त हुआ। लेकिन तुम्हारे भीतर जो घटा है, वह तुम्हीं जानते हो। तुम्हारे भीतर जो मेघ-मल्हार जगी है, वह तुम्हीं जानते हो । तुम्हारे भीतर आषाढ़ के मेघों को देखकर जो मोर नाचने लगे हैं, वह तुम्हीं जानते हो। तुम्हारे भीतर तो अमृत बरसा है, मृत्यु समाप्त हुई है, लेकिन लोगों के लिए तुम लगोगे कि मृतक हो गए।
मौन से शुरुआत होती है । उस शुरुआत में डर लगेगा, भय लगेगा, भाग जाने का मन होगा, लौट - लौटकर लोगों से बात करने का मन होगा, किसी तरह अपने को उलझा लेने का मन होगा। क्योंकि भय लगेगा, यह भीतर कहां मैं जा रहा हूं ! क्योंकि जो तुम्हारी गहराई है भीतर, वह तुमसे भी गहरी है, वह तुमसे पार है। उस गहराई में उतरते वक्त मौत रास्ते में पड़ेगी; ऐसा लगेगा कि मरे,
गए !
ध्यान में मृत्यु घटती है। ध्यान सूली है, लेकिन सूली के बिना सिंहासन नहीं । ध्यान में जो मरता है, वही परमात्मा में जगता है । संसार से तो तुम मृतवत हो जाते हो और परमात्मा तुम में जीवंत हो जाता है। मरने की तैयारी रखना, क्योंकि वही साधना है । और मरकर ही मिलता है महाजीवन ।
शुभ है घड़ी, घबड़ाना मत। सम्हालना इस घड़ी को टूट न जाए, फूट न जाए, बिखर न जाए। बड़े सौभाग्य से आती है, बड़ी मुश्किल से आती है। सैकड़ों कोशिश
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