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मौन में खिले मुखरता
मगर एक घंटा उसने मेरा पीछा न छोड़ा। एक घंटा जब तक गाड़ी उस स्टेशन पर खड़ी रही — जंक्शन था और वहां एक घंटा गाड़ी रुकती है - और वह एक घंटा पैर दबाता ही रहा। वह बड़ा प्रसन्न है, उसने सेवा की। वह सोच रहा है, उसने पुण्य कमाया। अगर परमात्मा के सामने मेरा उससे मुकाबला हुआ तो मैं न कह सकूंगा, इसने पुण्य कमाया। मेरे हिसाब में तो इसने पाप कमाया। मगर मेरी कौन सुनता है ! सेवक कहीं किसी की सुनते हैं ! सब किए जा रहे हैं सेवा ।
तुम्हारी सेवा से युद्ध पैदा हो रहे हैं । तुम्हारी सेवा से राष्ट्र बनते हैं, मूढ़ताएं पैदा होती हैं, राजनीति खड़ी होती है, हजार तरह के जाल रचते हैं - और सब सेवा कर रहे हैं ! तुम्हारी सेवा कहीं बुनियादी रूप में भूल-भरी मालूम पड़ती है।
मैं तुम्हें सेवा नहीं सिखाता, मैं तुम्हें स्वार्थ सिखाता हूं। हां, तुम्हारे स्वार्थ की जब पूर्णता आ जाएगी तब तुम्हारे जीवन में एक सेवा होगी। लेकिन वह सेवा बड़ी और होगी। वह बड़ी सौम्य होगी, प्रेम से जगेगी। और ध्यान दूसरे पर होगा, ध्यान अपने पर न होगा। अगर बच्चा भोजन नहीं कर रहा है, तो छोड़ दो उसे उसकी मर्जी पर। प्रकृति ने खुद ही इंतजाम किया है, भूख लगेगी और वह भोजन कर लेगा। तुम भूख के बिना भोजन मत थोपो ।
अगर तुम प्रेम करते हो पत्नी को तो मुक्ति दो, बांधो मत। अगर पत्नी चाहती है कि पति प्रसन्न हो, आनंदित हो, तो बांधो मत, मुक्त करो। ईर्ष्या के घेरे मत खड़े करो । जेलखाना मत बनाओ घर को । नहीं तो जिनको हम घर कहते हैं, सभी जेलखाने हो गए हैं।
तुम्हारा स्वार्थ पूरा हो जाए – और मेरा अर्थ है स्वार्थ का कि तुम परमात्मा को पा लो - फिर सब अपने से हो जाएगा। पहले बुनियादी चीज हो जाए। तू चिरागे-बज्मे -उल्फत को बुझाकर शाद है
प्रेम के दीए को बुझाकर तुम सोच रहे हो कि तुम प्रसन्न हो । तू चिरागे-बज्मे -उल्फत को बुझाकर शाद है दौलते-यजदां को मिट्टी में मिलाकर शाद है
और ईश्वरीय संपदा को मिट्टी में मिलाकर तुम सोचते हो, तुम प्रसन्न हो ? क्या न फूटेगी तेरे दिल में सदाकत की किरन
क्या कभी तुझे होश न आएगा ? क्या सत्य की किरण तेरे जीवन में कभी न फूटेगी? क्या तू अपने को झूठ और धोखे दिए ही चला जाएगा ? तू चिरागे-बज्मे-उल्फत को बुझाकर शाद है दौलते-यजदां को मिट्टी में मिलाकर शाद है क्या न फूटेगी तेरे दिल में सदाकत की किरन क्या साधुता का कभी जन्म न होगा ?
दर्दे-दिल ही जन्नते-गुमगश्ता है पहचान ले
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