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पुण्यातीत ले जाए, वही साधु-कर्म वही काम शुभ है, जिसे करके पीछे मनुष्य को पछताना न पड़े, जिसके फल को प्रसन्न मन से भोगा जा सके। पुण्य आनंद का द्वार है।
जिंदगी में पहचानते रहो, कहां-कहां से आनंद की झलक आती है। उस सभी के जोड़ से तुम जीवन के ताले को खोल पाओगे। जहां से आनंद की झलक मिले, समझना कि वहीं से परमात्मा ने झांका। अगर तुम अपने सारे आनंद का निचोड़ कर लो, तो तुम्हारे हाथ कुंजी आ जाएगी। वेद खोजने से न मिलेगी, उपनिषद तलाशने से न मिलेगी-जीवन को पहचानने से, खुली आंख रखने से!
और ऊपर देखकर धोखे में मत पड़ जाना। लोगों की मुस्कुराहटें देखकर मत सोच लेना कि वे प्रसन्न हैं। अक्सर तो लोग आंसुओं को छिपाने के लिए मुस्कुराए चले जाते हैं। डर लगता है कि अगर न हंसे तो कहीं आंसू न आ जाएं।
तुमने देखा, तुम भी जब घर के बाहर जाते हो, कैसे सज-धजकर, टीम-टाम करके! घर बैठे रो रहे थे, उदास थे, बाहर ऐसे निकलते हो जैसे बहार आ गई! पति-पत्नी लड़ रहे हों, कोई तीसरा घर में आ जाए, एकदम रामराज्य स्थापित हो जाता है। सब झगड़ा बंद, मुस्कुराने लगते हैं। हम दूसरों को धोखा दे रहे हैं।
हर खिजां के गुबार में हमने कारवाने-बहार देखा है। . कितने पश्मीना पोश जिस्मों में रूह को तार-तार देखा है
पश्मीना पोश जिस्मों में रूह को तार-तार देखा है! तुम्हारे वस्त्रों से कुछ न होगा। तुम कितने ही कीमती वस्त्र ओढ़ लो, तुम्हारी आत्मा अगर तार-तार है, खंड-खंड हैं, खंडहर है, तो इन कीमती वस्त्रों से तुम चाहे संसार को धोखा दे लो, अपने को न दे पाओगे। और परमात्मा को तो कैसे दे पाओगे, क्योंकि वह तो तुम्हारा होना ही है। तुम्हारे गहरे से गहरे होने का नाम परमात्मा है।
तो इसे जरा जीवन में खोजते रहो।
बुद्ध ने जीवन का विज्ञान दिया है। ये कोई मुर्दा सिद्धांत नहीं हैं कि तुम्हें दे दिए और तुमने मान लिए और पूरे हो गए। ये कोई मुर्दा पाठ नहीं हैं कि तुमने कंठस्थ कर लिए और तुम तोतों की तरह दोहराने लगे और जिंदगी बदल गई। ये तो जीवंत बातें हैं। बुद्ध जो कह रहे हैं, इसलिए तुम मत मान लेना। मैं कहता हूं, इसलिए मत मान लेना। तुम्हारी जिंदगी जब कहे हां, तभी मानना। और इतना पक्का है कि अगर तुम जिंदगी खोजोगे तो कहेगी, हां। क्योंकि जब बुद्धों ने खोजी, यही पाया। __जिंदगी अलग-अलग नहीं है। जिंदगी का सार एक। जिंदगी का नियम एक। एस धम्मो सनंतनो!
तुम सभी को एक ही जिंदगी सम्हाले हुए है। जिन्होंने खोजा, उन्होंने यही पाया। तुम भी खोजोगे तो यही पाओगे।
और जिस व्यक्ति को एक बार पुण्य की खबर मिल जाए, जिसको एक बार
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