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श्री महावीर स्वामी पूजा गौतम कौन कहेगा, कौन रहेगा साथी। फोन हरेगा मेद भरम सब, हम हैं हाय अनाथी । प्र० ॥३॥ वीर वीर करते यो गौतम, निज आतम लय लाये । में हूँ मेरा ओर न कोई, केरल ज्ञान उपाये ॥ प्र० ॥ ४ ॥ सुखसागर भगनान परमपथ, गामी अन्तरयामी । महावीर प्रभु गौतम स्वामी, सविनय सदा नमामि || प्र० ॥ ५ ॥ दो हजार वारह सवत में बीकानेर दीवाली। महावीर पूजा यह गाते, हुई आतम सुसियाली ॥ प्र० ॥ ६॥ श्रीजिन हरिगुरु दिव्य दयामय, बोध बुद्वि दातारी। वर्तमान आनन्द गुणाधिप, अनुशासन अधिकारी ॥ प्र० ॥ ७ ॥ करीन्द्रसागर पाठक प्रभु गुणा, कीर्तन जय जयकारी सम्पग्दर्शन ज्ञान विकासी, हो नित मगलकारी ।। प्र०॥८॥