Book Title: Bharatiya Chintan ki Parampara me Navin Sambhavanae Part 2
Author(s): Radheshyamdhar Dvivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
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भारतीय दर्शनों का वर्गीकरण
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आवश्यकता है कि अपने विद्यार्थियों की दर्शन विषयक धारणा के विस्तार के लिए नये सिरे से उक्त प्रकार के ग्रन्थ लिखे जायें। इसके लिए अधिकारी विद्वानों को एकत्रित कर इस प्रकार की एक बृहत् योजना बनानी चाहिए। इस कार्य के लिए अधिकारी विद्वान् वही समझे जायें जिनका भारतीय दर्शन विषयक व्यापक ज्ञान उसके आकर ग्रन्थों के आधार पर हो, जिन्हें पाश्चात्य दर्शन का सूक्ष्म ज्ञान हो और जो पूर्व-पश्चिम के नवीनतम प्रवृत्तियों से सुपरिचित हों। ऐसे विद्वानों का चयन आज के युग में कठिन अवश्य है फिर भी इसे असम्भव नहीं कहा जा सकता है।
परिसंवाद-३
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