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भारत की खोज
रत नहीं पड़ती यह बात सिद्ध करने की कोई जरूरत नहीं की दीवार हैं। वह आप जानते हैं लेकिन अगर दीवार नहीं है। यह सिद्ध करना हो तो फिर बडे प्रयास करने पडेंगे वडे तर्क देने पड़ेंगे। उस विचार क ने बड़े तर्क दिए और उसने कहा सब असत्य है। तर्क क्या हैं असत्य सिद्ध करने के? पहला तर्क तो यह है की हम कभी भी चीजें जैसी है उनको नहीं जान सकते।
चीजों को हम जान ही नहीं सकते जो भी हम जानते हैं पिक्चर्स जानते हैं चित्र जा नते है मैं आप को देख रहा हूं पता नहीं आप वहां है या नहीं सिर्फ मुझे मेरी आंख के भीतर चित्र दिखाई पड़ रहा है की कुछ लोग यहां बैठे हुए हैं। यह कुछ लोग वह
है या नहीं मुझे क्या पता? रात को सपना देखता हूं तब भी मुझे लोग दिखाई पड़ ते हैं इसी तरह दिखाई पड़ते हैं जिस तरह अब दिखाई पड़ रहे हैं कोई फर्क नहीं हो ता। रात सपने में भी आप दिखाई पड़ते हैं। दिन में भी आप दिखाई पड़ते हैं दोनों में फर्क क्या है? दोनों हालतों में मुझे चित्र दिखाई पड़ते हैं आपका मुझे कोई पता नहीं है की आप हैं भी या नहीं अगर हम कहें की मैं आप को छु कर देख सकता हूं तो भी वह दार्शनिक कहते हैं की छूता हाथ है, मैं तो छूता नहीं आप को हाथ छूता है
और खवर भीतर जाती है, वह खवर झूठ भी हो सकती, वह खवर सच भी हो स कती है, उस खबर का क्या भरोसा किया जाये जाने हाथ सच कह रहा है या झूठ कह रहा है? कौन जाने? और कैसे हम मान लें की हाथ जो कहता है वह सच कह ता है कुछ नहीं कहा जा सकता उस वैज्ञानिक ने विचारक ने बड़े ही तर्कों से सिद्ध किया कि नहीं है जगत सब माया है। उस राजा ने कहा, 'मैं मान गया सव माया है। उसने कहां, लेकिन ठहरिए आखरी प्रयोग और हो जाए' उस राजा के पास एक पागल हाथी था। उसने अपने महावतों
को कहा कि, 'उस पागल हाथी को ले आओ और इस दार्शनिक को पागल हाथी के सामने छोड़ दो।' महल के दरवाजे पर वह पागल हाथी ले आया गया। सव द्वार बंद कर लिए गए रास्ते पर वह पागल हाथी छोड़ दिया गया और उस दार्शनिक को
छोड़ दिया गया वह दार्शनिक चिल्लाता है भागता है हाथ पैर जोड़ता है कि, 'मुझे बचाओ मैं मर जाऊंगा।' वह हाथी उसके पीछे भाग रहा है वह दार्शनिक चिल्ला र हा है वह राजा के सामने हाथ जोड़े गिड़गिड़ा रहा है राजा अपने महल के ऊपर ख. डा है और हंस रहा है फिर वामश कल उसे हाथी से बचाया गया है। वह पसीना-पसीना हो आंख से उसके आंसू बह रहे हैं उसकी छाती धड़क रही है। र जा ने उससे कहा कि, 'यह हाथी सत्य था उस दास ने इतना कहा, 'महाराज हा थी भी असत्य था और वह जो आदमी चिल्ला रहा था वह भी असत्य था और मेरी यह जो धड़कन है यह भी असत्य है सभी कुछ असत्य है। आपने मुझे बचाया यह भी असत्य है जव सभी कुछ असत्य है तो हाथी भी असत्य है उसका रोना क्यों?' लेकिन वरकले को यह पता नहीं था। नहीं तो वह डा० जॉनशन से कहता यह पैर
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